जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (अक्षेस) का शहर को साफ-सुथरा और कचरा मुक्त बनाने का दावा खोखला साबित हो रहा है. अक्षेस ने कहा था कि छह महीने में बायो माइनिंग और रिसोर्स रिकवरी से सोनारी डंपिंग यार्ड से कचरे के पहाड़ को हटा दिया जायेगा और वहां पार्क बनाया जायेगा. लेकिन एक साल होने को है, अभी भी वहां कचरा का पहाड़ है और 10 हजार की आबादी पहले की तरह ही परेशान हैं. सोनारी में कचरा प्रबंधन की योजना कागजों पर चल रही है. डंपिंग यार्ड के कचरे में लगी आग से निकल रहे धुएं ने लोगों का सांस लेना मुश्किल कर दिया है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर देशभर में स्वच्छता अभियान चल रहा है, वहीं सोनारी मरीन ड्राइव में 4 करोड़ 26 लाख रुपये की छह माह की योजना एक साल बाद भी धरातल पर उतर नहीं पा रही है. जमशेदपुर अक्षेस और महाराष्ट्र की एजेंसी गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन के बीच 23 फरवरी 2023 को समझौता हुआ था, जिसके तहत सोनारी मरीन डाइव से लगभग 48000 मीट्रिक टन कचरे को बायोमाइनिंग और रिसोर्स रिकवरी के माध्यम से डंप साइट से हटाया जाना था. दावा और योजना के मुताबिक, पूरा कचरा हटाने के लिए छह महीने की समय सीमा तय की गयी थी, लेकिन एक साल समाप्त होने को है और एजेंसी ने मात्र 7 हजार मीट्रिक टन कचरे की प्रोसेसिंग की है. जबकि मानगाे, जेएनएसी, आदित्यपुर व जुगसलाई नगरपालिका क्षेत्र से रोजाना निकलने वाला 150-200 टन कचरा जमा हो रहा है.
निस्तारण नहीं होने से हर दिन कचरा का ढेर बढ़ता जा रहा है. एक ओर जहां लोगों को कचरे की समस्या से मुक्ति नहीं मिल ही है. वहीं, आये दिन कचरे के ढेर में आग लगने से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. अब जमशेदपुर अक्षेस कचरा प्रबंधन में लगी कंपनी को नोटिस और अल्टीमेटम देने की तैयारी में है.
40 लाख रुपये की ट्राॅमेल मशीन हुई खराब :
वर्ष 2022 में जमशेदपुर अक्षेस ने राजस्थान के जयपुर से 40 लाख रुपये में ट्राॅमेल मशीन खरीदी थी, जो अब बेकार पड़ी हुई है. गारंटी अवधि में मशीन लंबे समय तक चली नहीं. जब कचरा निष्पादन के लिए मशीन चालू की गयी तो खराब हो गयी. लंबे समय से मशीन सोनारी मेरीन ड्राइव में पड़ी हुई है. मशीन की क्षमता 10 टन प्रतिदिन कचरा निष्पादन का दावा किया गया था. दावे के अनुसार, मशीन पुराने कचरे से प्लास्टिक कपड़े एवं मेटल इत्यादि को अलग कर देती. जैव विखंडनीय कचरे से बनी खाद को भी मशीन अलग कर देती. अलग किये गये प्लास्टिक को मशीन की सहायता से कम्प्रेस व पैकिंग कर रोड निर्माण या सीमेंट प्लांट में उपयोग किये जाने की योजना थी.
कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने से स्वच्छता रैंकिंग गिरी
जमशेदपुर अक्षेस, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और आदित्यपुर नगर निगम में कचरा निस्तारण की व्यवस्था नहीं होने से स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में रैंकिंग गिर गयी. जमशेदपुर की रैंकिंग 25 रैंक नीचे गिरकर 18वें से 43वें पायदान पर पहुंच गयी. वहीं, मानगो और जुगसलाई की रैंकिंग भी इसी वजह से गिरी.
सोनारी मरीन डाइव में एक सप्ताह से कामकाज पूरी तरह से बंद है. काम करने वाली एजेंसी गुरु रामदास कंस्ट्रक्शन की प्रोसेसिंग मशीन एक सप्ताह से खराब है. मशीन की मरम्मत के लिए सामान की तलाश की जा रही है. आने के बाद काम शुरू होगा.
एक्सकेवेटर मशीन हुई खराब, नहीं हुआ कचरा डंप
गुरुवार को सोनारी मरीन ड्राइव में जमशेदपुर अक्षेस की एक्सकेवेटर मशीन खराब होने से कचरा डंपिंग नहीं हुआ. जमशेदपुर अक्षेस और मानगो नगर निगम क्षेत्र से डोर- टू डोर कचरा उठाव कर वाहन सुबह 9:30 बजे डंपिंग के लिए सोनारी पहुंचा. वहां पहुंचने के बाद पता चला कि एक्सकेवेटर मशीन खराब है. जिससे कचरा डंपिंग नहीं होगा. घंटों इंतजार करने के बाद चालक कचरा लेकर ही लौट गये.
24 घंटे से लगी है आग, लोगों की परेशानी बढ़ी
सोनारी में कचरा डंपिंग साइट में पिछले 24 घंटे से आग लगी हुई है. हवा चलते ही आग जोर पकड़ लेती है. इससे मिथेन गैस निकल रहा है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गोलमुरी फायर स्टेशन से पहुंचा वाहन आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहा.
एनजीटी में है मामला
सोनारी में कचरा डंपिंग का मामला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में चल रहा है. सोनारी निवासी केएस उपाध्याय ने केस दायर कर रखा है, जिसमें जमशेदपुर अक्षेस, टाटा स्टील यूटिलिटीज, पूर्वी सिंहभूम के डीसी और प्रदूषण बोर्ड को पार्टी बनाया है. जमशेदपुर अक्षेस ने एनजीटी में लिखित दिया है कि सोनारी में कचरे की डंपिंग बंद की जायेगी, लेकिन डंपिंग जारी है.
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