Jharkhand News: जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर में रेलवे ट्रैक के पास मिट्टी धंसने से दो महिलाओं की मौत
Jharkhand News: आदित्यपुर थानांतर्गत वन भूमि पर बसे विद्युतनगर की दो महिलाएं मंजू सवैया (26) (मूल निवासी चाईबासा) व टुनटन (चांडिल) की मौत मिट्टी धंसने से हो गयी. दोनों महिलाएं रेलवे ट्रैक के पास मिट्टी की खुदाई करने गयीं थीं.
Jharkhand News: जमशेदपुर से सरायकेला-खरसावां जिला के आदित्यपुर में रेलवे ट्रैक के पास मिट्टी धंसने से दो महिलाओं की मौत हो गयी. एक महिला आदित्यपुर मूल रूप से चाईबासा की रहने वाली है, जबकि दूसरी महिला चांडिल की रहने वाली है. आदित्यपुर के विद्युतनगर में दोनों महिलाएं रहतीं थीं. घर की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लाने रेलवे लाइन के किनारे गयीं थीं.
चाईबासा और चांडिल की थीं दोनों महिलाएं
बताया गया है कि आदित्यपुर थानांतर्गत वन भूमि पर बसे विद्युतनगर की दो महिलाएं मंजू सवैया (26) (मूल निवासी चाईबासा) व टुनटन (चांडिल) की मौत मिट्टी धंसने से हो गयी. दोनों महिलाएं रेलवे ट्रैक के पास मिट्टी की खुदाई करने गयीं थीं. घटना की जानकारी मिलते ही आदित्यपुर थाना की पुलिस पहुंची. उसके पहले स्थानीय लोगों ने शव को मिट्टी से बाहर निकाल लिया था.
घर की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लाने गयीं थीं महिलाएं
बताया गया कि दोनों महिलाएं घर की लिपाई-पुताई के लिए मिट्टी लाने गयीं थीं. उक्त स्थल से प्रतिदिन कोई न कोई मिट्टी लाने जाता था, जिसके कारण वहां गुफानुमा ढांचा बन गया था. आज भी महिलाएं मिट्टी निकाल रहीं थीं. इसी दौरान मिट्टी भरभराकर गिर गयी, जिसके कारण दोनों महिलाएं उसमें पूरी तरह से दब गयीं. घटना स्थल पर ही दोनों महिलाओं की मौत हो गयी. पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतकों के पति स्थानीय कंपनियों में काम करते हैं.
प्रतिदिन निकाली जा रही थी मिट्टी
स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त स्थल से प्रतिदिन कोई न कोई मिट्टी निकालने आता ही था. आज मंजू और टुनटुन मिट्टी निकालने गयीं थीं. मृतक मंजू का विद्युतनगर में अपना घर है, जबकि टुनटुन किराये के मकान में रहती थी.
Also Read: सरायकेला के आदित्यपुर में आकाश को अपराधियों ने मारी गोली, TMH में भर्ती, भाई के हत्याकांड का है गवाहथर्ड लाइन के लिए वर्षों पूर्व हटायी गयी थी बस्ती
रेलवे द्वारा थर्ड लाइन बिछाने के लिए वर्षों पूर्व आरआइटी रेल ओवर रोड ब्रिज के पास बसी विद्युतनगर बस्ती को हटाया था. इसके बाद यहां से हटाये गये लोगों ने वहां से हटकर थोड़ी दूरी पर वन भूमि पर अपने-अपने घर बना लिये. इसके बाद धीरे-धीरे यहां और घर बनते चले गये. देखते ही देखते एक बस्ती बस गयी.
रिपोर्ट : संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर