My Mati: जमशेदपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में संवर रही अनाथ सोमवारी सबर की जिंदगी

Jharkhand News|My Mati|माता-पिता की मौत के बाद सोमवारी बिल्कुल अनाथ हो गयी. दुनिया में अकेली रह गयी. 8 अप्रैल की दिल दहला देने वाली तस्वीर आज भी लोगों के जेहन में है, जब उसकी मां की मौत हुई थी. मासूम सोमवारी ने समझा कि मां सो रही है.मां नहीं उठी, तो मासूम बच्ची ने मां को चादर ओढ़ा दिया.

By Mithilesh Jha | October 24, 2022 2:36 PM

Jharkhand News|My Mati|पूर्वी सिंहभूम जिला (West Singhbhum District) के घाटशिला (Ghatshila News) अनुमंडल स्थित दारीसाईं बस्ती की विलुप्तप्राय सबर आदिम जनजाति (Sabar Primitive Tribe) की सोमवारी सबर (Somvari Sabar) की जिंदगी अपने समाज के अन्य बच्चों की ही तरह थी. अभावों में जी रही थी. लेकिन, पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव (Vijaya Jadhav) वे उसे गोद लिया और सोमवारी सबर की जिंदगी ने नयी करवट ली. दीपावली के दिन उपायुक्त ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय में जाकर सोमवारी और उसके साथ पढ़ रहे बच्चों को अपने हाथों से मिठाई खिलायी.

सोमवारी के माता-पिता की टीबी की बीमारी से हो गयी मौत

माता-पिता की मौत के बाद 8 साल की सोमवारी सबर की जिंदगी बदहाल हो गयी थी. लेकिन, अब जमशेदपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय (Netaji Subhash Chandra Bose Residential School) में उसकी जिंदगी संवर रही है. बता दें कि फरवरी 2022 में सोमवारी के पिता लालटू सबर (25) की टीबी की बीमारी से मौत हो गयी. 2 माह बाद ही 8 अप्रैल 2022 को सोमवारी की मां जोबनी सबर (24) की भी टीबी की बीमारी से मौत हो गयी.

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8 अप्रैल को अनाथ हो गयी सोमवारी सबर

माता-पिता की मौत के बाद सोमवारी बिल्कुल अनाथ हो गयी. दुनिया में अकेली रह गयी. 8 अप्रैल की दिल दहला देने वाली तस्वीर आज भी लोगों के जेहन में है, जब उसकी मां की मौत हुई थी. मासूम सोमवारी ने समझा कि मां सो रही है. सुबह का वक्त था. उसने मां को हिलाया, लेकिन वह नहीं उठी. मां नहीं उठी, तो मासूम बच्ची ने मां को चादर ओढ़ा दिया.

उपायुक्त विजया जाधव ने सोमवारी सबर को लिया गोद

प्रभात खबर में यह खबर छपी, तो पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव ने संज्ञान लिया और प्रशासनिक टीम को दारीसाई सबर बस्ती भेजा. डीसी ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जाहिर की, लेकिन बस्ती के सबरों ने कहा कि जब तक श्राद्ध कर्म नहीं हो जाता, बच्ची को नहीं ले जाने देंगे. 10 दिन बाद चाइल्डलाइन की टीम के साथ प्रशासनिक पदाधिकारी बस्ती पहुंचे और उपायुक्त के आदेश पर सोमवारी सबर जमशेदपुर डीसी कार्यालय लाये.

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डीसी ने बच्ची को गोद में बैठाकर दुलारा-पुचकारा. उसे नहलाया-धुलाया. नये कपड़े पहनाये और ढेर सारे खिलौने और कपड़े दिये. इसके बाद उसे लेकर गोलमुरी स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय पहुंचीं. यहां बच्ची का डीसी ने खुद नामांकन कराया और वहां की वार्डन से कहा कि इसकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी आपकी है. आप छुट्टी पर जायें, तो मुझे सूचित करें, मैं बच्ची की देखभाल करूंगी. तब से सोमवारी इस स्कूल में पढ़ रही है.

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वीरान हो रही है आदिम जनजाति सबर की बस्ती

दारीसाईं सबर बस्ती के सबर लगातार बीमारी से मर रहे हैं. कई परिवार में चिराग जलाने वाला भी नहीं बचा. घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्सी पंचायत स्थित दारीसाईं सबर बस्ती के सबर लगातार बीमारी से मारे जा रहे हैं. कई परिवारों के सभी सदस्यों की मौत हो गयी. उनके बिरसा आवास वीरान पड़े हैं. चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अत्यधिक शराब के सेवन और पौष्टिक आहार नहीं मिलने की वजह से सबर जनजाति के लोगों में टीबी की बीमारी हो रही है और उनकी मौत हो जा रही है.

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रिपोर्ट- मो परवेज, घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम

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