17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

National Daughter’s Day 2024:आदिवासी बिटिया रितिका तिर्की की ऊंची उड़ान, टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस चलाकर रचा इतिहास

National Daughter's Day 2024: आज (22 सितंबर) राष्ट्रीय बेटी दिवस है. इस खास मौके पर झारखंड की आदिवासी बिटिया रितिकी तिर्की की सफलता की कहानी पढ़िए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर दौरे के दौरान टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने के कारण वह सुर्खियों में आयी थी.

National Daughter’s Day 2024: जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह: आज (22 सितंबर) राष्ट्रीय बेटी दिवस है. इसका उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है. साथ ही यह संदेश देना भी है कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं. इसे सिद्ध कर दिखाया है जमशेदपुर के जुगसलाई में रहनेवाली रितिका तिर्की ने. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जमशेदपुर दौरे के दौरान 27 वर्षीया रितिका तब सुर्खियों में आयी, जब वह टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को टाटानगर से चलाकर पटना ले गयी. इसके साथ ही वह वंदे भारत चलाने वाली देश की पहली महिला लोको पायलट बन गयी.

गुमला की बिटिया की ऊंची उड़ान

यूं तो रितिका मूल रूप से झारखंड के गुमला जिले के टोटो गांव की रहने वाली है. उसके पिता लुटिया भगत अवकाशप्राप्त फॉरेस्ट गार्ड हैं. आदिवासी परिवार होने के बावजूद रितिका ने अपनी पढ़ाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. उसने अपनी स्कूली शिक्षा रांची से पूरी की. इसके बाद बीआईटी मेसरा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और भारतीय रेलवे ज्वाइन कर ली. वह वर्ष 2019 में रेलवे में बतौर लोको पायलट बहाल हुई. पहले उसकी पोस्टिंग चंद्रपुरा में हुई, जिसके बाद वर्ष 2021 में ट्रांसफर होकर टाटानगर आ गयी. यहां वह जुगसलाई कुंवर सिंह चौक से गाढ़ाबासा जाने वाले रोड पर भाड़े के मकान में रहती है. उसके पति यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. बैंक ऑफ इंडिया में वे पदाधिकारी रह चुके हैं. उसकी दो बहनें हैं और एक भाई है, जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं. उसकी मां आशा देवी गृहिणी हैं.

ट्रेन चलाने के शौक को करियर बनाया

रितिका ने बताया कि बेटियां अब किसी भी फील्ड में पीछे नहीं हैं. लोको पायलट बनना और ट्रेन चलाना चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन उसे शौक था कि ट्रेन ही चलायेंगे. उस शौक को करियर बनाया और आज मुकाम हासिल हुआ. वंदे भारत ट्रेन चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट बनने का गौरव हासिल करने पर कहा कि यह काफी चुनौतीपूर्ण काम है. काम का कोई समय तय नहीं होता है. जब भी कॉल बुक हो जाता है, ट्रेन लेकर जाना होता है. यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन का परिचालन बेहतर हो, यह चुनौती होती है, लेकिन इस जिम्मेदारी को वह सही तरीके से निभाती है.

वंदे भारत को स्पीड में चलाने में आता है आनंद

रितिका तिर्की ने कहा कि वह चाहती है कि बेटियां भी संकोच नहीं करें. वे भी हर फील्ड में आगे आयें. दुनिया अब सीमित नहीं रह गयी है. दुनिया के दरवाजे महिलाओं और लड़कियों के लिए खुल चुके हैं. उसने कहा कि अब ट्रेन चलाने में काफी आनंद आता है. वह पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी दोनों चलाती है. पहले ट्रेन का इंजन देखकर डर लगता था, अब नहीं लगता. अब वंदे भारत को स्पीड में चलाने में आनंद आता है.

Also Read: टाटा-पटना वंदे भारत ट्रेन का परिचालन शुरू, जानें कितना है किराया और टाइमिंग

Also Read: Tata Patna Vande Bharat Express: टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल सफल, पीएम नरेंद्र मोदी दिखाएंगे हरी झंडी

Also Read: PM Modi Jamshedpur Visit: पीएम मोदी के दौरे को लेकर टाटानगर स्टेशन की सुरक्षा आज से एसपीजी के हवाले

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें