झारखंड : दो बार जमशेदपुर आए थे सरदार वल्लभ भाई पटेल, छोटेलाल के घर उनकी पत्नी से मांगकर खाया था दाल चावल
सरदार वल्लभ भाई पटेल दो बार जमशेदपुर आये थे. पहली बार आजादी से पहले, 13 दिसंबर 1945 को और दूसरी बार 15 दिसंबर 1950 को, आजादी के बाद. दूसरे दौरे में उन्होंने बिष्टुपुर स्थित नरभेराम गुजराती स्कूल का उद्घाटन किया था. यह स्कूल आज भी संचालित हो रहा है.
जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह : लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल अपने जीवनकाल में दो बार जमशेदपुर आये थे. पहली बार 13 दिसंबर 1945 और दूसरी बार 15 दिसंबर 1950 को लौहनगरी की यात्रा की थी. 1945 में देश में स्वतंत्रता आंदोलन चरम पर था. इस दौरान सरदार पटेल टाटा स्टील वर्क्स के मजदूरों से मिलने पहुंचे थे. बिष्टुपुर एल टाउन मैदान में कर्मचारियों को संबोधित किया था. उन्होंने बताया था कि मजदूर और कंपनी प्रबंधन के बीच परस्पर संबंध कितना जरूरी है? इस मौके पर उन्होंने जमशेदजी नसरवानजी टाटा को श्रद्धांजलि दी थी. देश को आजादी मिलने के बाद 15 दिसंबर 1950 में सरदार पटेल फिर जमशेदपुर आये. अपने दूसरे दौरे में उन्होंने बिष्टुपुर स्थित नरभेराम गुजराती स्कूल का उद्घाटन किया था. यह स्कूल आज भी संचालित हो रहा है. शहर के प्रख्यात उद्यमी और व्यवसायी नरभेराम कमानी के बुलावे पर वह इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस मौके पर टाटा स्टील के तत्कालीन जीएम एमएच कुतर भी मौजूद थे. सरदार पटेल कारोबारी नरभेराम कमानी के आवास पर भी गये थे. यहां उन्होंने चाय पी थी. इसके बाद वह वापस लौट गये थे.
छोटेलाल के घर गये थे पटेल, पत्नी से दाल चावल मांग कर खाया
जमशेदपुर के पूर्व विधायक छोटेलाल व्यास की पत्नी पुष्पागौरी व्यास की उम्र 103 वर्ष है. उनकी थकी आंखों में आज भी सरदार पटेल से जुड़ी यादें ताजी हैं. कांपती आवाज में वह बताती हैं कि 1945 में सरदार पटेल उनके घर आये थे. उन्होंने पूछा, पुष्पा क्या बनायी हो, दाल-चावल, वही दे दो, जिसे उन्होंने बड़े चाव से खाया. पुष्पा याद करती हैं, सरदार पटेल के साथ उनकी बेटी मणिबेन पटेल भी थीं. वह उनका खान-पान सहित हर बात की ख्याल रख रही थीं. वह खाखरा (एक प्रकार की रोटी) साथ लायी थीं. स्वास्थ्य के ख्याल से खाखरा को वह अपने पिता को खिलाना चाह रही थीं. लेकिन, उन्होंने दाल-चावल ही खाया. साथ में उबली सब्जी खायी थी. खाने के बाद उन्होंने कहा, छोटेलाल तुम खुश हो न, हम तुम्हारे घर आये. उन्होंने उनसे गुजरात आने की जिद्द भी की थी. श्रीकृष्ण सिन्हा संस्थान के महासचिव 96 वर्षीय हरिवल्लभ सिंह आरसी बताते हैं कि सरदार वल्लभ भाई पटेल जमशेदपुर में छोटे लाल व्यास के घर गये थे. इस दौरान उन्होंने टाटा स्टील प्लांट का भी भ्रमण किया था.
जयंती आज, लौहनगरी करेगी याद
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर को है. इस अवसर पर लौहनगरी में जगह-जगह श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन होगा. देश की एकता के लिए सरदार पटेल के योगदान को याद किया जायेगा.
मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा कृषि उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा न रहे.सरदार पटेल