जमशेदपुर : दलमा में सेंदरा पर्व में नहीं हुआ जंगली जानवरों का शिकार, गर्मी और वन विभाग की सख्ती का दिखा असर
जमशेदपुर में दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर सेंदरा पर्व का आयोजन किया गया. इस पर्व में इस वर्ष कम संख्या में सेंदरा वीर आए.
जमशेदपुर : दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर सोमवार को दिसुआ सेंदरा वीरों ने दलमा में शिकार पर्व मनाया. पश्चिम बंगाल, ओडिशा व कोल्हान समेत विभिन्न जगहों से पहुंचे दिसुआ सेंदरा वीर सुबह घने जंगलों की ओर कूच कर गये. दिनभर शिकार खेलने के बाद दोपहर बाद वे तलहटी की ओर लौटे. इस बार कांदरबेड़ा, आसनबनी, पातीपानी, हलुदबनी, मिर्जाडीह क्षेत्र से शिकार खेलने दलमा पर चढ़े सेंदरा वीरों को निराशा हाथ लगी. सेंदरा वीरों के अनुसार, दलमा पहाड़ के चांडिल व बोड़ाम क्षेत्र से देर शाम दो जंगली सूअर का शिकार हुआ. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इस बार एक भी शिकार नहीं होने की बात कही है.
कम ही आये सेंदरा वीर : राकेश हेंब्रम
दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने बताया कि लोकसभा चुनाव व भीषण गर्मी की वजह से इस वर्ष कम सेंदरा वीर आये. लोकसभा चुनाव व वाहनों की अनुपलब्धता के कारण बाहर से कम सेंदरा वीर आये. कोल्हान क्षेत्र के सेंदरा वीर ही शिकार पर्व में पहुंचे.
जल, जंगल, जमीन व संस्कृति को बचाने का लिया संकल्प
दलमा बुरू सेंदरा समिति के आह्वान पर आयोजित सेंदरा पर्व के दौरान फदलोगोड़ा में लोबीर दोरबार का आयोजन किया गया. इसमें आदिवासी समाज के लोगाें ने जल, जंगल, जमीन व संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया. जुगसलाई तोरोप परगना दशमत हांसदा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में आदिवासी समाज के अस्तित्व, परंपरा, संस्कृति, जल, जंगल, जमीन व संवैधानिक अधिकार की बात करने वाले प्रत्याशी को वोट देंगे. आदिवासियों की मांग पूरा नहीं करने पर आने वाले विधानसभा चुनाव में वैसे प्रत्याशी को सबक सिखाया जायेगा. कहा कि आदिवासी समाज अब अपना हक और अधिकार हासिल करने में सक्षम है. उन्होंने समाज में शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दिया. मौके पर तालसा मांझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू, धानो मार्डी, लिटा बानसिंह, नवीन मुर्मू, सेलाय गागराई, लालसिंह गागराई, लेदेम मुर्मू, मिथुन मुर्मू समेत कई सेंदरा वीर मौजूद थे.
सिंगराई वीरों को सम्मानित किया
दलमा सेंदरा के उपलक्ष्य में सिंगराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. सिंगराई वीरों ने अपने नृत्य व मनोरंजक कहानियों से सेंदरा वीरों का मनोरंजन किया. सिंगराई कार्यक्रम में चार नृत्य दल पहुंचे थे. तोरोप परगना दशमत हांसदा, माझी बाबा दुर्गाचरण मुर्मू व दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने चारों सिंगराई नृत्य दलों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया.
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