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जमशेदपुर में कमर्शियल वाहन 24356, लेकिन लाइसेंस सिर्फ 6458 के ही पास

जिला परिवहन विभाग से पांच साल में किसी भी महिला ने नहीं बनवाया कमर्शियल लाइसेंस

जिला परिवहन विभाग से पांच साल में किसी भी महिला ने नहीं बनवाया कमर्शियल लाइसेंस, टारगेट से अधिक 116.51 प्रतिशत राजस्व वसूल रहा है विभाग

संजीव भारद्वाज, जमशेदपुर

जमशेदपुर में कमर्शियल वाहनों की संख्या 24356 होने के बावजूद कमर्शियल लाइसेंस धारकों की संख्या महज 6458 है.

(औसतन देखा जाये, तो पौने चार कमर्शियल वाहनों को एक लाइसेंस धारक वाहक बन कर बैठा है. )

यह आंकड़ा महज पांच वर्षों का है. जमशेदपुर की सड़कों पर सवारी टेंपो, सामान ढोनेवाले टेंपो, 407, मिनी बस, हाइवा व लोकल ट्रकों की संख्या एक लाख से अधिक की होगी. जमशेदपुर में पिछले चार साल से डीजल ऑटो का निबंधन होना बंद हो गया है, बावजूद इसके काफी संख्या में ये सड़कों पर चलते दिख रहे हैं. ऐसी स्थिति में साफ है कि इन कमर्शियल वाहनों को चलाने वाले अधिकांश लोगों के पास लाइसेंस नहीं है या फिर उनके पास निजी वाहन चलाने का लाइसेंस है, जिसका इस्तेमाल वे कमर्शियल वाहन को चलाने के लिए भी कर रहे हैं. जमशेदपुर में सड़क दुर्घटनाओं की घटना की संख्या अधिक होने के भी यह बड़े कारण हैं.जमशेदपुर में पिछले पांच वर्षोें में 278510 वाहनों का निबंधन हुआ है, जिसमें 254154 गैर व्यवसायिक यानी निजी वाहन हैं, जबकि कमर्शियल की संख्या 24356 है. जिला परिवहन कार्यालय से चार वर्षों में ट्रक 5372, बस 592, टैक्सी 1895, जीप 29, तीन पहिया सीएनजी-पीएनजी ऑटो 7915, ट्रैक्टर 1784, टेलर 169, अन्य 6600 वाहन हैं. गैर व्यवसायिक वाहनों में कार 41997 और दो पहिया 212157 की संख्या में हैं.

पांच वर्षों में किसी भी महिला ने नहीं बनाया कमर्शियल लाइसेंस

जिला परिवहन कार्यालय से दो साल से कमर्शियल लाइसेंस बनने शुरू हो गये हैं. पांच वर्षों में कमर्शियल वाहन चलानेवाली किसी भी महिला का लाइसेंस जिला परिवहन कार्यालय से इश्यू नहीं किया गया है. जमशेदपुर की सड़कों पर ऑटो व टाटा-हाता मार्ग पर छोटे यात्री वाहन चलाते हुए महिला चालकों को देखा जा सकता है.

परमिट नहीं है, बावजूद सड़कों पर चल रहे हैं डीजल टेंपो

जमशेदपुर की सड़कों पर परमिट फेल सवारियां लेकर धड़ल्ले से डीजल ऑटो चल रहे हैं. यह सभी ऑटो शहर के व्यस्त साकची, बिष्टुपुर, मानगो, बारीडीह, स्टेशन व कालीमाटी रोड में चलते हैं. जिला परिवहन विभाग ने एनजीटी का हवाला देते हुए डीजल ऑटो को परमिट देना बंद कर दिया है. इन्हें रोकने व सड़कों से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू की गयी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है.

पांच साल में 35.39 करोड़ रुपये का राजस्व मिला लाइसेंस बनवाने में

जिला परिवहन कार्यालय ने पांच साल में 35,39,31, 115 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है. इसके साथ ही 1,58,348 स्मार्ट कार्ड जारी किये हैं. गैर व्यवसायिक लाइसेंस 154439 (पुरुष 120973-महिला 33146) जारी किये गये हैं, जबकि प्रशिक्षु लाइसेंस 177640 (पुरुष 151854-महिला 25786) बने.

सालाना लक्ष्य से 116.51 प्रतिशत अधिक राजस्व वसूला

जिला परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में (मासिक लक्ष्य 1881.47 करोड़) तय लक्ष्य 22578 करोड़ से 116.51 प्रतिशत अधिक 26305 करोड़ का राजस्व हासिल किया. सरकार को जिला परिवहन विभाग से राजस्व के रूप में बड़ी रकम हासिल होती है. 2022-23 के वित्तीय वर्ष ( 1699.15 करोड़) में भी तय टारगेट का 115.26 प्रतिशत, 2021-22 के वित्तीय वर्ष में (मासिक टारगेट 1558.35 करोड़) 109.71 प्रतिशत और 2020-21 के वित्तीय वर्ष में (मासिक टारगेट 1415.67 करोड़) टारगेट से कम 84.74 प्रतिशत का राजस्व हासिल किया.

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