जमशेदपुर वाणिज्य कर प्रमंडल ने अप्रैल-मई माह में चार हजार से अधिक व्यापारियों को भेजी नोटिस, जवाब के बाद भी पूछताछ
नोटिस मिलने से परेशान कारोबारी टैक्स सलाहकारों के पास लगा रहे चक्कर
प्रमुख संवाददाता, जमशेदपुर
जमशेदपुर वाणिज्य कर प्रमंडल विभाग द्वारा अप्रैल-मई माह में चार हजार से अधिक व्यापारियों-कारोबारियों को टैक्स ऑडिट, रिटर्न डिफरेंस व सेल एरर की नोटिस जारी किया गया था. विभागीय अधिकारी वित्तीय वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए यह नोटिस जारी किये हैं. नोटिस मिलने से परेशान कारोबारी टैक्स सलाहकारों के पास चक्कर लगा रहे हैं. नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें अधिवक्ताओं के पास जाना पड़ रहा है. व्यापारियों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों द्वारा एक नोटिस का जवाब देने के बाद फिर से दूसरा नोटिस जारी कर दिया जा रहा है.व्यापारियों को बेवजह नोटिस नहीं भेजी जाये : चेंबर
सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, टैक्स विशेषज्ञ राजीव अग्रवाल ने वाणिज्यकर विभाग के एडिशन कमिश्नर से आग्रह किया है कि व्यापारियों को बेवजह नोटिस नहीं भेजी जाये. एक्ट में भी बिना कारण नोटिस नहीं भेजने का प्रावधान है, लेकिन अफसर उत्पीड़न करने के लिए इस तरह की कार्रवाई कर रहे हैं. कॉमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बताया कि लगातार मिल रहे नोटिसों का समाधान भी नहीं हो पा रहा है. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रत्याशियों से जुड़े सभी तरह के खर्च का मिलान संबंधी कार्य के लिए वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारियां प्रदान की गयी हैं, जिसके कारण वे अपने कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं, जिससे व्यापारियों-कारोबारियों के टैक्स ऑडिट, डिफरेंस, सेल एरर के नोटिस का समाधान नहीं हो पा रहा है.
एक माह में एक ही व्यापारी को दो-तीन नोटिस : सतीश सिंह
कमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता सतीश सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा लगातार नोटिस जारी किये जाने से व्यापारी परेशान हैं. विभाग द्वारा दो दिन के अंदर नोटिस का जवाब मांगा जाता है. नहीं देने पर ब्याज समेत पेनल्टी लागू कर दिया जाता है. बिना भुगतान के कोई भी प्रोसेस आगे पूरा नहीं हो पाता है. एक माह में एक ही व्यापारी को दो-तीन नोटिस मिल रही है.एरर का जवाब दिये जाने पर नोटिस को वापस लिया जा रहा है : राजीव
सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों को लगातार मिल रहे नोटिस को लेकर एडिशनल कमिश्नर से मुलाकात की गयी थी. उन्होंने किसी भी तरह की जबरन कार्रवाई से इनकार किया. कहा कि मुख्यालय से जिनके संबंध में निर्देश मिलता है, उन्हें नोटिस जारी की जाती है. श्री अग्रवाल ने कहा कि एरर का जवाब दिये जाने पर नोटिस को वापस कर लिया जा रहा है.
एरर-फॉल्ट में सुधार आता है, तो अगले सिस्टम में वह एरर दिखाता है : विभाग
वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों के अनुसार सब कुछ सिस्टम पर फीड है. एक ही व्यापारी को बार-बार नोटिस मिलने के पीछे कारण यह है कि जब एक एरर-फॉल्ट में सुधार आता है, तो अगले सिस्टम में वह एरर दिखाता है. कई फॉर्मेट पूरा होने पर फाइलिंग सिस्टम कंप्लीट होता है. ऐसे में जब तक खामियां दूर नहीं हो जाती हैं, तब तक नोटिस मिलना गंभीर मसला नहीं है. विभाग उसे दुरुस्त करने के लिए हमेशा व्यापारियों के साथ खड़ा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है