कैंसर के बाद अब चेहरा खराब होने का डर नहीं : डॉ. शैकत गुप्ता
कैंसर के बाद चेहरा खराब हो जाता है या जिस जगह पर कैंसर को लेकर सर्जरी की जाती है, उस स्थान पर दाग धब्बा या मुंह, नाक टेढ़ा हो जाता है, उससे डरने की जरूरत नहीं है.
कैंसर पर आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने दी जानकारी
लंग कैंसर का इलाज संभव, समय पर जांच कराकर इलाज की जरूरत
जमशेदपुर :
कैंसर के बाद चेहरा खराब हो जाता है या जिस जगह पर कैंसर को लेकर सर्जरी की जाती है, उस स्थान पर दाग धब्बा या मुंह, नाक टेढ़ा हो जाता है, उससे डरने की जरूरत नहीं है. अब उसके लिए मरीज के शरीर के दूसरे हिस्से से स्किन निकालकर लगा दिया जाता है. जिससे मरीज का ओरिजनल चेहरा हो जाता है. इससे पता नहीं चलता है कि उसका ऑपरेशन किया गया है. उक्त बातें बिष्टुपुर स्थित एक होटल में आयोजित सेमिनार में उपस्थित अपोलो कोलकाता के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शैकत गुप्ता ने कही. उन्होंने कहा कि जीभ, गाल, जबड़ा को बनाकर लगा दिया जाता है. इसके लिए नयी टेक्नोलॉजी कमांडो सर्जरी आयी है. इससे मरीज के मुंह का ऑपरेशन किया जाता है. कमांडो सर्जरी में एक साथ मिलकर कई डॉक्टर काम करते हैं. डॉक्टर कैंसर प्रभावित हिस्सा काटकर निकालने के बाद शरीर के दूसरे हिस्से से मांस लेकर उसको भर देते हैं. जबकि जबड़ा भी बनाया जाता है. उन्होंने कहा कि पान, गुटखा के कारण ओरल कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं.लंग कैंसर का इलाज संभव, डरने की जरूरत नहीं : डॉ. पीएन महापात्रासेमिनार में कोलकाता अपोलो से आये कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएन महापात्रा ने कहा कि झारखंड से काफी संख्या में लंग कैंसर के मरीज इलाज कराने के लिए कोलकाता व अन्य जगहों पर जाते हैं. उन्होंने कहा कि लंग कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है. अभी इसका इलाज संभव है. उन्होंने कहा कि सिर्फ जांच कर सही से इलाज कराने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लंग कैंसर का इलाज कैंसर के प्रकार व चरण पर निर्भर करते है. उन्होंने कहा कि इम्यूनोथेरेपी कैंसर के सर्जरी के पहले व उसके बाद भी काफी लाभदायक होता है. इस दौरान आईएमए अध्यक्ष डॉ जीसी मांझी, सचिव डॉ सौरभ चौधरी, डॉ अमित कुमार, डॉ अशोक सहित कई डॉक्टर मौजूद थे.
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