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अरुण सिंह की बर्खास्तगी पर टाटा कमिंस के चेयरमैन सहित 11 अफसर पर दर्ज होगा केस, हेमंत सरकार से मिली अनुमति

Jharkhand News (जमशेदपुर) : टाटा कमिंस कंपनी के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक, प्लांट हेड सहित शीर्ष 11 अधिकारियों के खिलाफ जमशेदपुर के CJM कोर्ट में केस दायर करने के लिए हेमंत सरकार से अनुमति मिल गयी है. इस मामले में स्वयं श्रम विभाग प्रबंधन के अधिकारियों के खिलाफ CJM कोर्ट में केस दायर करने जा रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2021 8:58 PM

Jharkhand News (जमशेदपुर) : टाटा कमिंस कंपनी के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक, प्लांट हेड सहित शीर्ष 11 अधिकारियों के खिलाफ जमशेदपुर के CJM कोर्ट में केस दायर करने के लिए हेमंत सरकार से अनुमति मिल गयी है. यूनियन नेताओं में चर्चा है कि जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी के मामले में स्वयं श्रम विभाग प्रबंधन के अधिकारियों के खिलाफ CJM कोर्ट में केस दायर करने जा रही है.

औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत उल्लेखित अनुचित श्रम व्यवहार करने और वर्क स्टैंडिंग आर्डर के विरुद्ध जाकर यूनियन के महामंत्री अरुण कुमार सिंह को नौकरी से बर्खास्त करने के मामले में श्रम विभाग को कंपनी प्रबंधन के खिलाफ केस दायर करने की अनुमति सरकार से मिली है.

11 अधिकारियों को उप श्रमायुक्त ने दिया था नोटिस

पूर्व में उप श्रमायुक्त राजेश प्रसाद ने कंपनी के तत्कालीन चेयरमैन गुंटर बुशेक, प्रबंध निदेशक अश्वथ राम, एसोसिएट निदेशक अंजली पांडेय, राजीव बत्रा, निदेशक गिरीश बाग, राजेंद्र पेटकर, असीम मुखोपाध्याय और जोनाथन व्हाइट, एचआर हेड पल्लवी देसाई, प्लांट हेड मनीष कुमार झा, सीनियर जेनरल मैनेजर दीप्ति माहेश्वरी को नोटिस महाराष्ट्र के पुणे स्थित कंपनी के मुख्यालय के पते के साथ- साथ सभी को मेल पर भी तीन बार नोटिस कर जवाब मांगा था.

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नोटिस में मारपीट की घटना का जिक्र भी किया गया था. नोटिस का जवाब देते हुए प्रबंधन यूनियन के पूर्व महामंत्री अरुण सिंह की बर्खास्ती पर कायम रही. बाद में कंपनी प्रबंधन और बर्खास्त महामंत्री को अपना-अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका रांची में लेबर कमिश्नर के पास दिया गया. वहां भी सहमति नहीं बनी. जिसके बाद प्रबंधन के खिलाफ CJM कोर्ट में मामला दर्ज करने की अनुमति राज्य सरकार ने श्रम विभाग को दी.

क्या है मामला

टाटा कमिंस की मान्यता प्राप्त टीसी कर्मचारी यूनियन के चार नेताओं के बीच दिसंबर, 2019 में मारपीट हुई थी. मामले में 4 आरोपी थे. बताया जाता है कि जिन लोगों ने मारपीट की शुरुआत की उनलोगों को प्रबंधन ने 2 दिन और 5 दिन का निलंबन की सजा देकर माफ कर दिया.

जबकि मारपीट में बीच-बचाव करने गये अरुण कुमार सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. इसलिए प्रबंधन की कार्रवाई पर सवाल उठाये जा रहे हैं. प्रबंधन ने वर्क स्टैंडिंग आर्डर के एक आरोप और कमिंस कोड ऑफ कंडक्ट से जांच में बरी किया. DLC ने इसी बिंदु को आधार बनाकर नोटिस जारी किया था.

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Posted By : Samir Ranjan.

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