वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ममता वाहन चलाया जा रहा है. जिले में इसकी संख्या कम होने के कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाने में काफी परेशानी हो रही है. जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में ममता वाहनों की संख्या उतनी नहीं है कि सदर अस्पताल स्थित कंट्रोल रूम की सूचना के साथ ममता वाहन महिलाओं तक पहुंच सके. इससे कई बार प्रसूता को ममता वाहन का इंतजार करना पड़ता है. प्रावधान के अनुसार हर पंचायत में कम से कम दो ममता वाहन रहना चाहिए, लेकिन जिले के 231 पंचायतों में सिर्फ 94 ममता वाहन ही संचालित हैं. नियमानुसार जिले में 462 ममता वाहन होने चाहिए. सिविल सर्जन डॉक्टर जुझार मांझी ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ममता वाहन की संख्या को बढ़ाये, ताकि गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा कि जहां ममता वाहन की संख्या कम है, उन सभी जगहों पर 108 नंबर की एंबुलेंस से गर्भवती महिलाओं व मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.10 किलोमीटर का मिलता है 500 रुपये
सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने बताया कि ममता वाहन चालकों को 10 किलोमीटर के लिए 500 रुपये दिया जाता है. उससे आगे जितना दूर जायेगा, उसको 10 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से दिया जा रहा है. ममता वाहन चालक को उसके घर से अस्पताल पहुंचाने का काम किया जाता है.
सबसे कम पोटका व सबसे ज्यादा पटमदा में है ममता वाहन
सबसे ज्यादा पटमदा में 27 ममता वाहन चल रहा है. वहीं सबसे कम पोटका में एक ममता वाहन है.किस ब्लॉक में कितने ममता वाहनब्लॉक ममता वाहन की संख्या
बहरागोड़ा – 03चाकुलिया – 09धालभूमगढ़ – 17डुमरिया – 06
घाटशिला – 16जुगसलाई – 08मुसाबनी – 07पटमदा – 27
पोटका – 01डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है