Jamshedpur News: जीवन में जितनी भी बाधाएं आएं, महिलाएं हिम्मत नहीं हारें. अच्छे कार्यों में बाधा आती ही है. बाधाओं को लांघने वाले ही जीवन में सफल होते हैं. उक्त बातें पद्मश्री जमुना टुडू ने कहीं. वह नालसा और राष्ट्रीय महिला कमीशन के संयुक्त तत्वावधान में घाटशिला के जगदीश चंद्र उच्च विद्यालय स्थित आशा ऑडिटोरियम में महिला सशक्तिकरण पर आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी सह अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अमित आल्डा ने की.
हमारी कमजोरी के कारण बेटियों पर जुल्म हो रहे
श्रीमती टुडू ने कहा कि जंगल बचाने के लिए उनपर वन माफियाओं ने हमला किया. वह भी लहूलुहान भी हुईं. बिना हिम्मत हारे सभी बाधाओं को पार कर काम करती रही. औरत के रूप में ही मां काली, दुर्गा और सरस्वती हैं. अच्छे कार्य करने वालों का भगवान और पेड़-पौधे भी साथ देते हैं. महिलाओं की कमजोरी के कारण अंकिता सिंह जैसी बेटियों पर जुल्म हो रहे हैं. हमें संघर्ष करने की जरूरत है.
आंगनबाड़ी सेविका व शिक्षिकाओं ने लिया हिस्सा
विधिक जागरूकता शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि जमुना टुडू, बीडीओ कुमार एस अभिनव, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुशीला सोरेंग, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी अमित आल्डा, पैनल अधिवक्ता मुनमुन दास, अधिवक्ता सुप्रीति अधिकारी ने दीप प्रज्वलित कर किया. संचालन और धन्यवाद ज्ञापन सुप्रीति अधिकारी ने किया. शिविर में चार तकनीकी सत्र में सुप्रीति सिंह समेत अन्य अतिथियों ने महिला सशक्तिकरण पर अपनी बातें रखीं. शिविर में आंगनबाड़ी सेविका और स्कूलों की शिक्षिकाओं ने भाग लिया. मौके पर मयंक सिंह, शंभु नाथ मल्लिक, पीएलवी समेत अन्य उपस्थित थे.
महिलाएं सशक्त होंगी, तो समाज सशक्त होगा
बीडीओ कुमार एस अभिनव ने कहा कि महिलाएं कुरीतियों को बर्दाश्त कर आगे बढ़ती हैं. पर्दा के पीछे महिलाओं के साथ कई घटनाएं घटती हैं. दहेज प्रताड़ना, लैंगिक असमानता को झेलते हुए आगे बढ़ती हैं. महिलाएं सशक्त होंगी, तो समाज सशक्त होगा. महिलाएं जहां भी काम करती हैं. अगर उनके साथ भेदभाव होता है, तो वह विधिक सेवा प्राधिकार का सहायता ले सकती हैं.
एक महिला ही महिला के दुख को समझ सकती है
घाटशिला की एसीजेएम सुशीला सोरेंग ने कहा कि एक महिला ही महिला के दुख को समझ सकती हैं. महिलाओं को डायन कह कर प्रताड़ित किया जाता है. महिलाओं को पारिवारिक विवाद का कारण बताया जाता है. डायन बिसाही समाज के लिए अभिशाप है. अंधविश्वास की जड़ों को काटना जरूरी है. ऐसे मामले आते हैं, तो सीडीपीओ के माध्यम से शिकायत की जा सकती है. बाल विवाह भी कानूनी अपराध है. छोटी उम्र में किसी लड़की की शादी होती है, तो घर-परिवार चलाने में परेशानी होती है.
व्हील पावर मजबूत रखेंगे, तो कोई आपका नुकसान नहीं पहुंचायेगा
एसडीजेएम अमित आल्डा ने कहा कि महिलाओं को व्हील पावर मजबूत रखने की जरूरत है. महिलाएं व्हील पावर मजबूत रखने के लिए मार्शल आर्ट का सहारा ले सकती हैं. उन्होंने कहा कि न्याय सभी को जरूरत है. न्याय पाने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा. महिला सशक्तिकरण समाज में जरूरी है. महिलाएं सशक्त होंगी, तो समाज व राज्य अवश्य सशक्त होगा. आज आधी आबादी पर महिलाओं का दबदबा है. इस दबदबा को कायम रखने की जरूरत है. संयमित बनकर अपने लक्ष्य को हासिल करने की जरूरत है.