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‘पत्थलगड़ी का जब्त किया गया पत्थर वापस करें, नहीं तो उग्र आंदोलन’, भूख हड़ताल पर बैठे युवकों ने कहा

बारीडीह चौक से जब्त पत्थलगड़ी के पत्थर को वापस करने की मांग को लेकर बिरसा सेना के चार युवक भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. जिला प्रशासन और जेएनएसी से मांग की गयी है कि जब्त किये गये पत्थर को 4 जुलाई तक वापस करें. ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2023 10:44 AM

जमशेदपुर. बारीडीह चौक से जब्त पत्थलगड़ी के पत्थर को वापस करने की मांग को लेकर बिरसा सेना के चार युवक भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. जिला प्रशासन और जेएनएसी से मांग की गयी है कि जब्त किये गये पत्थर को 4 जुलाई तक वापस करें. ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. शनिवार की दोपहर बाद से बिरसा सेना के सदस्यों का आंदोलन शुरू हो गया है. रविवार को आदिवासी बिरसा सेना, भूमिज चुआड़ सेना, भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा, लोहरा करमाली समन्वय समिति सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने बारीडीह चौक पहुंचकर आंदोलन को अपना समर्थन दिया. बिरसा सेना के केंद्रीय अध्यक्ष दिनकर कच्छप ने बताया कि हूल दिवस के दिन 30 जून को कोंका कमार करमाली के नाम से चौक का नामकरण कर बारीडीह चौक पर पत्थलगड़ी की गयी. पत्थलगड़ी का मकसद अमर शहीद महापुरुषों को सम्मान देना है. गत एक जुलाई की दोपहर प्रशासन के लोगों ने आकर पत्थलगड़ी को जब्त कर लिया. आंदोलनकारी लगातार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.

युवक जो भूख हड़ताल पर बैठे

बिरसा सेना चार युवक दिनकर कच्छप, बलराम कर्मकार, राजा राम मुर्मू व गुरुचरण कर्मकार रविवार की सुबह से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. उनका कहना है कि वह जेएनएसी व जिला प्रशासन की कार्रवाई से नाराज हैं. पत्थलगड़ी के पत्थर को वापस करने की मांग कर रहे हैं.

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हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे कई सदस्य

रविवार को हड़ताल पर बैठे युवकों को समर्थन देने माणिक सिंह सरदार, श्याम सिंह सरदार, जॉनी मस्सी, कृष्ण लोहार, सोमनाथ पाडे़या, अजय लोहार, सूरज बास्के, राजा पूर्ति, दीपक सामद, दीपक सिंह सरदार, विकास हेंब्रम, मार्शल मुर्मू, धनंजय सिंह सरदार, जय नारायण मुंडा, अजय सिंह जामुदा, विजय सोय, शिवचरण बेसरा, दीनबंधु सिंह सरदार, रायसेन टुडू, लक्ष्मण टुडू, प्रीतम टुडू, दीपक हेंब्रम, बबलू सोरेन, हेमंत नाग, गणेश टुडू, सूदन टुडू, राधे हंसदा, भागवत बास्के, बीरधन बास्के, शिवनाथ बेसरा, कालीचरण हंसदा, मुचीराम सोरेन, श्याम हांसदा समेत अन्य पहुंचे थे.

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