झारखंड में आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन देने की योजना तोड़ रही दम, 4 साल बाद भी नहीं मिला फोन
देश की अन्य राज्यों की आंगनबाड़ी सेविकाओं के हाथों में स्मार्टफोन है, लेकिन यही योजना झारखंड में दम तोड़ रहा है. विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ और कोर्ट के चक्कर में चार साल में नहीं निर्णय हो सका. इसके कारण राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्ट फोन नहीं मिल पाया है.
जमशेदपुर, संदीप सावर्ण : केंद्र सरकार ने पोषण अभियान के तहत कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य तय किया गया है. इसके लिए भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश की सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन देने की योजना बनायी थी. लेकिन झारखंड में इस योजना ने दम तोड़ दिया. जबकि देश के अन्य राज्यों में आंगनबाड़ी सेविकाओं के हाथों में दो साल पहले से ही स्मार्टफोन है, इससे आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली सेवाओं के कुशल प्रबंधन के साथ ही पोषाहार परिणामों की भी रियल टाइम मॉनिटरिंग हो रही है. हालांकि झारखंड में छह साल पहले इसकी सुगबुगाहट हुई थी. तीन साल पूर्व टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन किसी खास को टेंडर देने के चक्कर में गड़बड़ी हुई. इसकी शिकायत हुई और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट-कचहरी के चक्कर की वजह से अब तक झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिला है.
कहां हुई गड़बड़ी, अब क्या है स्थिति
स्मार्टफोन की खरीदारी के लिए महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से जेम पोर्टल पर तीन मार्च, 2020 को टेंडर नंबर GEM/2020/B/569317 पर टेंडर के जरिये जिस मेसर्स लावा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चयन किया गया, उसने टेंडर में गलत व भ्रामक दस्तावेज जमा किये थे. मामले की शिकायत हुई. जांच के बाद तत्कालीन मंत्री व प्रमुख सचिव के अनुमोदन पर तत्कालीन निदेशक ने कार्रवाई करते हुए 15 दिसंबर, 2021 को मेसर्स लावा इंटरनेशनल लिमिटेड को एक वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड कंपनी की सूची में डाल दिया. जिसके बाद लावा इंटरनेशनल के द्वारा झारखंड हाइकोर्ट में रिट पिटीशन (C) 5249 0f 2021 डाला गया, जिसमें लावा इंटरनेशनल को अंतरिम राहत मिली. लेकिन महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने झारखंड हाइकोर्ट में L.P.A. No. 290 of 2022 याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई दिनांक 22-03-2023 को करते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 26 अप्रैल 2023 को होगी और तब तक मेसर्स लावा इंटरनेशनल लिमिटेड को पुनः काली सूची में नहीं रखा जायेगा.
यह होता फायदा
आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन से सेंटर की सारी रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से विभाग को प्रतिदिन देनी थी. आइसीडीएस-केस एप्लीकेशन से आइसीडीएस सेवाओं की ऑनलाइन एंट्री शुरू होती. जिससे प्रदान की जाने वाली सेवाओं के कुशल प्रबंधन के साथ उन सेवाओं की प्रखंड, जिला एवं राज्य स्तर पर बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने में आसानी होती. इससे प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सशक्त करने में मदद तो मिलती ही, साथ में पोषाहार परिणामों की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी की जा सकती.
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हेमंत सोरेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य स्तर पर स्मार्टफोन देने का लिया निर्णय
पिछले दिनों झारखंड सरकार ने बजट प्रस्तुत किया, जिसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराने की घोषणा की. इसके तहत झारखंड की सभी 37,636 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन दिया जायेगा. आंगनबाड़ी सेविकाओं को आधुनिक सूचना तंत्र से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने स्मार्टफोन देने का निर्णय लिया है.
तकनीकी कारणों से विलंब हुआ, जल्द निर्णय लिया जाएगा : छवि रंजन
इस संबंध में समाज कल्याण के निदेशक छवि रंजन ने कहा कि आगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल दिया जाना है. इसकी प्रक्रिया विभागीय स्तर पर चल रही है. तकनीकी कारणों से विलंब हुआ है. अब मामला अंतिम चरण में है. जल्द ही निर्णय लिया जायेगा.