प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती सह जनजातीय गौरव महोत्सव पर उलिहातू आगमन से पूर्व आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड को मान्यता देने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में अभियान से जुड़े चार कार्यकर्ताओं ने बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रधानमंत्री के द्वारा सरना धर्म कोड को मान्यता देने की घोषणा नहीं करने पर आत्मदाह करने की घोषणा की है. पूर्व में दो युवाओं की घोषणा के बाद बागबेड़ा जाटाझोपड़ी के विक्रम हेम्ब्रम व पृथ्वी मुर्मू ने भी उलिहातू में जाकर आत्मदाह करने की धमकी दे दी है. आत्मदाह की घोषणा के बाद पुलिस प्रशासन उन युवाओं के बारे में पता लगा रहा है, ताकि उन्हें समझाया जा सके और ऐसा करने से रोका जा सके. उल्लेखनीय है कि 15 नवंबर को पीएम का उलिहातू में बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम है. साथ ही वे खूंटी स्टेडियम में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
इन युवाओं ने दी है आत्मदाह की चेतावनी
पश्चिम सिंहभूम जिले के सोनुवा प्रखंड निवासी कान्हू राम टुडू, पूर्वी सिंहभूम के बागबेड़ा जाटा झोपड़ी निवासी विक्रम हेंब्रम व पृथ्वी मुर्मू तथा बोकारो के पेटरवार निवासी चंद्रमोहन मार्डी. कदमा में विक्रम हेम्ब्रम और पृथ्वी मुर्मू ने कहा कि बिरसा मुंडा की जन्मस्थली में प्रधानमंत्री का स्वागत है, लेकिन सरना धर्म कोड को मान्यता को पूरा होते देखना चाहते हैं. पीएम मोदी उनकी मांग को जरूर पूरा करेंगे, ऐसी उम्मीद है.
पीएम मोदी से है उम्मीद : सालखन
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कदमा में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीएम मोदी जब 15 नवंबर को झारखंड की धरती पर आयेंगे तो उन्हें सरना धर्म कोड की सौगात देकर जायेंगे. उन्होंने बताया कि सेंगेल अभियान के युवाओं ने 15 नवंबर को सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं देने पर आत्मदाह करने की घोषणा की है. सेंगेल अभियान उनकी बालिदानी भावना की सराहना करता है. हालांकि यह उनका व्यक्तिगत फैसला है.
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जिला व प्रखंड मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कल
पीएम तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान बुधवार (15 नवंबर) को झारखंड समेत सात राज्यों के सभी जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर धरना- प्रदर्शन करेगा.
सरना धर्म कोड की सौगात देकर जाएं पीएम मोदी : मोहन कर्मकार
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता सह जिला बीस सूत्री कमेटी उपाध्यक्ष मोहन कर्मकार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के पैतृक गांव उलिहातू आ रहे हैं. झामुमो उनका स्वागत करता है. वे किसी भी मकसद से यहां आ रहे हों, लेकिन उन्हें यहां रहने वाले जनमानस की मांग को टटोलने का प्रयास जरूर करना चाहिए. आदिवासी समाज लंबे समय से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग करते आ रहे हैं. इसलिए पीएम मोदी से आग्रह करते हैं कि वे आदिवासी समाज को सरना धर्म कोड सौगात के रूप में दे.