इस साल टाटा मोटर्स में 11 फीसदी बोनस! 200 से अधिक कर्मचारी हो सकते हैं परमानेंट

टाटा मोटर्स में हर साल बोनस के साथ कर्मचारियों को स्थायी किया जाता है. उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष 11 फीसदी बोनस के साथ करीब 200 से अधिक बाइसिक्स कर्मचारियों को स्थायी करने पर सहमति बन जायेगी. 10 वर्षों में छह बार 10 फीसद बोनस हुआ. मुनाफा बढ़ने के कारण इस साल राशि बढ़ने का अनुमान है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 6, 2023 2:20 PM

Jamshedpur News. टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में इस साल करीब 11 फीसदी बोनस होने की उम्मीद है. टाटा मोटर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमित सिंह तोते और महामंत्री आरके सिंह ने प्रबंधन को पत्र भेजा है. इसके आलोक में प्रारंभिक वार्ता हो चुकी है. कमेटी मेंबरों ने अध्यक्ष और महामंत्री को वार्ता के लिए अधिकृत किया है. टाटा मोटर्स में हर साल बोनस के साथ कर्मचारियों को स्थायी किया जाता है. उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष करीब 200 से अधिक बाइसिक्स कर्मचारियों का स्थायी करने पर सहमति बन जायेगी.

वित्तीय वर्ष 2022-2023 में कंपनी को अच्छा मुनाफा हुआ है. कंपनी के एक्सटेंशन का काम चल रहा है. प्रबंधन ने शेयरधारकों को बेहतर डिविडेंड दिया है. इस कारण कर्मचारियों को उम्मीद है कि 10 फीसदी से अधिक बोनस होगा. पिछले 10 वर्ष के आंकड़े पर गौर करें तो छह वर्ष कर्मचारियों को10 फीसदी के आसपास बोनस मिलर है. हर बार मजदूरों का स्थायीकरण हुआ है. अब तक सबसे कम 150 कर्मचारियों को स्थायी किया गया. इस बार यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है. बोनस वार्ता में अगले हफ्ते से तेजी आ सकती है. वर्तमान में यूनियन के पदाधिकारी बाहर हैं.

ऐसी थी स्थिति

पिछले साल वित्तीय वर्ष 2021-2022 का बोनस 10.67 फीसदी हुआ. इसमें 201 बाइसिक्स कर्मचारी स्थायी हुए. पिछले साल कर्मचारियों को अधिकतम 51,500 रुपये और औसतन 38,200 रुपए मिले थे. टाटा मोटर्स के 5800 स्थायी कर्मचारियों को बोनस मिला था. कंपनी में कार्यरत 3700 बाइ सिक्स कर्मचारियों को 8.33 प्रतिशत बोनस मिला था.

बोनस बेहतर का करेंगे प्रयास : महामंत्री

टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने बताया कि बेहतर बोनस कराने का प्रयास कर रहे हैं. वार्ता में कर्मचारियों के स्थायीकरण पर भी बात होगी. अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.

टाटा मोटर्स में बोनस एक नजर में –

वर्ष——बोनस का फीसदी———स्थायीकरण

2012———17.0 फीसदी———150 कर्मचारी

2013———13.3 फीसदी———250 कर्मचारी

2014———10.5 फीसदी———250 कर्मचारी

2015———10.0 फीसदी———321 कर्मचारी

2016———12.0 फीसदी———250 कर्मचारी

2017———10.0 फीसदी———301 कर्मचारी

2018———12.2 फीसदी———305 कर्मचारी

2019———12.9 फीसदी———306 कर्मचारी

2020———10.0 फीसदी———221 कर्मचारी

2021———10.6 फीसदी———281 कर्मचारी

2022———10.67 फीसदी———201 कर्मचारी

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