Prabhat Khabar Anniversary: विकास की नयी गाथा लिख रहा है कोल्हान, जानें किस क्षेत्र की क्या है स्थिति
बीते 100 वर्षों से जहां देश-दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर टाटा स्टील की प्रतिष्ठा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश-देश के अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं से लैस शहरों की सूची में स्टील सिटी जमशेदपुर शामिल है.
बीते 100 वर्षों से जहां देश-दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर टाटा स्टील की प्रतिष्ठा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश-देश के अत्याधुनिक नागरिक सुविधाओं से लैस शहरों की सूची में स्टील सिटी जमशेदपुर शामिल है. साथ ही देश के मीडिया संसार में हिंदी दैनिक प्रभात खबर की धमक है. यह गौरवपूर्ण संयोग ही है कि बीते 100 वर्षों से झारखंड प्रदेश के औद्योगिक जगत के लीडर होने का ताज टाटा स्टील के सिर पर सजा है.
बीते 75 वर्षों से सूबे का नंबर वन शहर जमशेदपुर है और बीते 27 वर्षों से जमशेदपुर समेत पूरे कोल्हान प्रमंडल में नंबर वन अखबार है-प्रभात खबर. दुर्लभ प्राकृतिक सौंदर्य, अकूत खनिज संपदा और बेजोड़ कला-संस्कृति से सजा-संवरा है-कोल्हान. वैभवशाली अतीत और गौरवपूर्ण वर्तमान के साथ टाटा स्टील, जमशेदपुर स्टील सिटी समेत पूरे कोल्हान प्रमंडल के स्वर्णिम भविष्य की यात्रा जारी है.
और इस यात्रा का सहयात्री है-प्रभात खबर. स्वर्णिम भविष्य की इस यात्रा में जमशेदपुर समेत पूरा कोल्हान अपने विकास की नयी गाथा लिख रहा है. कोल्हान प्रमंडल के नंबर एक हिंदी दैनिक प्रभात खबर की 27वीं वर्षगांठ पर विकास की नयी गाथा की एक झलक.
उद्योग एवं व्यवसाय
8000 करोड़ रुपये के निवेश से टाटा स्टील न्यू मैटेरियल बिजनेस (एनएमबी) के विस्तार की योजना है. करीब पांच साल में इस राशि का निवेश होगा. जमशेदपुर में ग्रेफाइन, फाइबर पॉलिमर और मेडिकल मैटेरियल्स तैयार करने का नया प्लांट शुरू होने जा रहा है. इस साल नये मैटेरियल का बिजनेस करीब 600 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
2,254 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर टिनप्लेट कंपनी की उत्पादन क्षमता दोगुनी करने की योजना है. कंपनी की वर्तमान क्षमता 3,79,000 टन प्रति वर्ष है. विस्तार के बाद इसकी क्षमता 6,79,000 टन प्रति वर्ष तक हो जायेगी. वर्ष 2024-25 तक कंपनी में नयी लाइन तैयार कर ली जायेगी. टाटा स्टील ने वर्ष 2030 तक टिनप्लेट कंपनी की क्षमता 10 लाख टन प्रति वर्ष विकसित करने का लक्ष्य रखा है.
600 करोड़ रुपये के निवेश से टाटा स्टील की सब्सिडियरी कंपनी आइएसडब्ल्यूपी (तार कंपनी) के विस्तार की योजना है. यहां रोलिंग मिल की स्थापना होगी. इस कार्य के लिए अधिकारियों की टीम को लगाया गया है.
60 करोड़ रुपये के निवेश से टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट लिमिटेड (टीएसडीपीएल) के भी विस्तार की योजना है. नये सीआर प्लांट की नयी यूनिट यहां लगायी जायेगी. 2021 तक कंपनी ने करीब 3600 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर किया और करीब 70 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. 1997 में स्थापित इस कंपनी का लगातार विस्तार हुआ है. कंपनी में हाॅट रोल से लेकर कोल्ड रोल तक का काम होने लगा है.
शिक्षा
456 करोड़ रुपये से कोल्हान के तीनों जिलों में आदिवासी छात्राओं के लिए 19 एकलव्य आवासीय विद्यालय खुलेंगे. विद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा. प्रत्येक विद्यालय पर करीब 24 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यहां कक्षा छह से लेकर प्लस टू तक की पढ़ाई होगी. साथ ही खेल मैदान का भी निर्माण होगा. कोल्हान के छह प्रखंडों में विद्यालय का निर्माण शुरू हो चुका है.
02 कोल्हान में नयी यूनिवर्सिटी खोलने का प्रस्ताव है. पूर्वी सिंहभूम
में खुलेगी राज्य की पहली जनजातीय यूनिवर्सिटी.
03नये महाविद्यालय खुलेंगे कोल्हान विवि के अधीन. टाटा स्टील की ओर से एसएनटीआइ की तर्ज पर इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की योजना तैयार.
10000 छात्राओं को शैक्षणिक लाभ होगा, क्योंकि वीमेंस विश्वविद्यालय की सीट होगी दोगुनी. तीन सरकारी स्कूल को अपग्रेड कर बनाया जायेगा एक्सीलेंस स्कूल.
500 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश से पूर्वी सिंहभूम के पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना तैयार है. झारखंड में पर्यटन नीति 2022 लागू होने के बाद पूर्वी सिंहभूम समेत कोल्हान में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. पर्यटन को चार श्रेणी (ए, बी, सी, डी) में विभाजित कर विकसित करने की योजना है. राष्ट्रीय, राज्य, जिला व ब्लॉक स्तर के पर्यटन स्थल को चिन्हित कर अधिसूचित करने का काम शुरू है.
पर्यटन 1.91 करोड़ रुपये से घाटशिला के छह पर्यटन स्थलों का विकास होगा. बुरुडीह डैम पर 63.25 लाख, विभूति बाबू पर्यटन स्थल के सौंदर्यीकरण पर 24.91 लाख, पांच पांडव सूर्य मंदिर पर 24.97 लाख, धालभूमगढ़ राजबाड़ी पर 22.22 लाख, बहरागोड़ा चित्रेश्वर धाम पर 24. 92 लाख, पोटका रंकिणी मंदिर पर 31.66 लाख खर्च करने की योजना है. उपायुक्त ने पर्यटन विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है. इससे राज्य सरकार को करोड़ों का राजस्व मिलेगा.
सरायकेला-खरसावां 10.80 करोड़ रुपये से सरायकेला-खरसावां जिले के नौ प्रखंडों में बस स्टैंड का निर्माण होगा. प्रत्येक बस स्टैंड पर 1.20 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इससे जिले की करीब 10 लाख की आबादी लाभान्वित होगी.
50 करोड़ रुपये से सरायकेला में 100 बेड के अस्पताल निर्माण को स्वीकृति मिल गयी है. अस्पताल में मरीजों को सभी प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इससे क्षेत्र के करीब एक लाख लोग लाभान्वित होंगे.
पश्चिमी सिंहभूम 334 करोड़ रुपये से चाईबासा की उलीझारी में 25 एकड़ भूमि पर 500 बेड के मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण शुरू हो चुका है. इससे जिले की 12 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. फर्स्ट फेज में 100 सीट पर नामांकन होगा.
स्वास्थ्य
396 करोड़ रुपये से एमजीएम अस्पताल को नया स्वरूप दिया जायेगा. पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नये तरीके से बिल्डिंग बनायी जायेगी. हर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस किया जायेगा. इसको दो साल के अंदर तैयार करने की योजना है.
376 करोड़ रुपयेकी लागत से एमजीएम मेडिकल कॉलेज में 500 बेड के अस्पताल पर काम चल रहा है. इसे एल एंड टी कंपनी बना रही है. यहां हार्ट, कैंसर, न्यूरो, किडनी सहित अन्य बीमारियों की जांच व उनका इलाज होगा. इससे पूरे कोल्हान के लोगों को फायदा होगा.
08 करोड़ रुपये की लागत से एमजीएम अस्पताल में नयी सीटी स्कैन मशीन लगेगी. इसके नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मरीजों को बाहर सीटी स्कैन कराने के लिए जाना पड़ रहा है.
100 बेड के नये वार्ड के साथ सदर अस्पताल का विस्तार होगा. यहां सीटी स्कैन व एमआरआइ की सुविधा मिलेगी. मरीजों की संख्या अधिक होने के इलाज में हो रही परेशानी से मरीजों को मुक्ति मिलेगी.