आप पाठकों को यह बताते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि आपका प्रभात खबर आज 27 वर्ष का हो गया है. जी हां, आज से ठीक 27 वर्ष पूर्व 8 सितंबर, 1995 को विश्व प्रसिद्ध औद्योगिक शहर जमशेदपुर की धरती से हिंदी दैनिक प्रभात खबर का प्रकाशन शुरू हुआ था. लौह नगरी जमशेदपुर से प्रकाशित होकर प्रभात खबर ने पूरे कोल्हान प्रमंडल में अपनी अलग व मजबूत पहचान बनायी है.
कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां के हर गांव, हर नगर, हर शहर में प्रभात खबर की दमदार उपस्थिति है. विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करते हुए बीते 27 वर्षों में प्रभात खबर ने पाठकों के अखबार के रूप में खुद को स्थापित किया और जनसरोकार की पत्रकारिता की. हमने समय-समाज के जरूरी सवालों को हमेशा उठाया है.
हमारा मानना रहा है कि जीवन की बुनियादी चिंताओं के साथ स्थानीय चुनौतियों से दो चार हुए बिना जन से नहीं जुड़ा जा सकता है. कंटेंट के स्तर पर एक नयी किस्म की पत्रकारिता का प्रयास किया. अनेक ऐसे विषय-मुद्दे रहे जिसे हमने पत्रकारीय नजर से देखा. पानी, बिजली की समस्याएं हों या फिर जर्जर सड़क व यातायात की, प्रभात खबर ने जनसरोकार के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया है.
पिछले छह महीने के दौरान शहर के कई इलाके अतिक्रमण मुक्त हो पाये हैं और लोगों को जाम से राहत मिली है, तो यह प्रभात खबर की ओर से उठाये गये मुद्दों का नतीजा है. शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र पर हमारी लगातार पैनी नजर रही. कोरोना काल में स्कूलों द्वारा अतिरिक्त वसूली के मामले में जहां प्रभात खबर अभिभावकों के साथ खड़ा हुआ, वहीं स्कूल प्रबंधन की परेशानियों को भी जनता के सामने लाने का काम किया.
ध्वस्त होती चिकित्सा व्यवस्था को प्रभात खबर ने मुद्दा बनाया और फिर इसमें सुधार के प्रयास शुरू हुए. आदित्यपुर में उद्योगों की बंदी-बदहाली का मामला हो या फिर समय-समय पर बढ़े अपराध का, प्रभात खबर पूरी ईमानदारी से व्यवसायियों व आम लोगों के साथ खड़ा होता रहा है. जैसे देश-दुनिया के आर्थिक-औद्योगिक मानचित्र पर जमशेदपुर की पहचान ‘टाटा स्टील’ के कारण ‘लौह नगरी’ के रूप में है, वैसे ही देश के मीडिया जगत में जमशेदपुर को ‘प्रभात खबर का शहर’ (सिटी ऑफ पीके) माना जाता है.
वजह जमशेदपुर शहर से प्रकाशित आधा दर्जन हिंदी दैनिकों की कुल प्रसार संख्या से दोगुना प्रसार अकेले प्रभात खबर का है. यह आप पाठकों के स्नेह-विश्वास के कारण ही संभव हो पाया है. जनसरोकार से जुड़ी खबरों और उनकी विश्वसनीयता को लेकर तीनों जिलों में प्रभात खबर की अलग पहचान है. पिछले कुछ वर्षों में सूचना तकनीक के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं और इससे शायद ही कोई अछूता रह पाया हो.
बड़ी संख्या में अप्रामाणिक खबरें आपके पास उपलब्ध हैं. पर उसकी विश्वसनीयता का कोई पैमाना नहीं है. हम ऐसा हरगिज नहीं कह रहे कि सोशल मीडिया की सभी सूचनाएं विश्वास करने योग्य नहीं होतीं. पर उन सूचनाओं की पुष्टि के लिए लोग अखबारों की ओर मुखातिब होते हैं. यही अखबार की वास्तविक ताकत है. न्यू मीडिया के क्षेत्र में हमारी वेबसाइट प्रभात खबर डॉट कॉम और एफएम रेडियो धूम की दमदार उपस्थिति है.
मित्रों, प्रभात खबर की इस यात्रा में अनेक उतार-चढ़ाव आये. लेकिन आपके-हमारे बीच कायम विश्वास के बूते ही हम सारे पड़ावों को पार कर पाए. इस मौके पर हम प्रभात खबर के सुधि पाठकों, विज्ञापनदाताओं और अखबार के वितरक बंधुओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते हैं. आपके सहयोग के बगैर हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाते.