प्रभात खबर प्रतिभा सम्मान 2024 : जमशेदपुर के 900 होनहार विद्यार्थी किये गये सम्मानित

मुख्य अतिथि के रूप में डीडीसी मनीष कुमार ने कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं उसमें उनके गुरुजनों के साथ ही मम्मी का बहुत योगदान है. उन्होंने विद्यार्थियों के मोटिवेशन के लिए प्रभात खबर द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की.

By Sameer Oraon | June 22, 2024 10:09 PM
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जमशेदपुर : शनिवार का दिन. स्थान था माइकल जॉन ऑडिटोरियम. मंच पर वे मौजूद थे जिन्होंने जिंदगी में एक मुकाम हासिल कर ली जबकि मंच के सामने सैकड़ों वे बच्चे जिन्होंने दसवीं व बारहवीं की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की, लेकिन उनकी मंजिल अभी दूर है. उस मंजिल को पाने के लिए किन-किन चुनौतियों को पार करना होगा, उससे कैसे निबटना होगा, सफलता हासिल करने की स्ट्रेटजी क्या हो, ये तमाम बातें देश के भावी कर्णधारों को सिखायी गयी. मौका था प्रभात खबर की ओर से आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह का. इस अवसर पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आयोजित मैट्रिक, इंटर के साथ ही आइसीएसइ, आइएससी, सीबीएसइ बोर्ड के दसवीं व बारहवीं के 900 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. पहले सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त मनीष कुमार जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में धालभूम एसडीओ पारुल सिंह व टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी मौजूद थे.

मुझे भी मिला था प्रभात खबर का प्रतिभा सम्मान समारोह में मेडल : डीडीसी

मुख्य अतिथि के रूप में डीडीसी मनीष कुमार ने कहा कि आज वे जो कुछ भी हैं उसमें उनके गुरुजनों के साथ ही मम्मी का बहुत योगदान है. उन्होंने विद्यार्थियों के मोटिवेशन के लिए प्रभात खबर द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की सराहना की. कहा कि 17 साल पहले उन्हें भी यह सम्मान प्रभात खबर की ओर से मिला था. वह साल था 2007 का. उस वक्त वे रांची में डीएवी पब्लिक स्कूल में दसवीं के स्टूडेंट थे. अमूमन घर से निकलती नहीं थी, लेकिन मेरी मेहनत को सम्मान मिलता हुआ वह देखना चाहती थी. कार्यक्रम 11 बजे के बजाय चार बजे हो गया. घर से नहीं निकलने वाली मम्मी सिर्फ मेरे मोटिवेशन के लिए दो-दो बार कार्यक्रम में गयी. इस प्रकार के कार्यक्रम से सही मायने में माता-पिता को ही सम्मान मिलता है. कहा कि कई बार लोग कहेंगे कि 10वीं- 12 वीं के अंक महत्व नहीं रखते हैं. लेकिन ऐसी बात नहीं है, हर क्लास के अंक महत्वपूर्ण होते हैं. कहा कि कोई भी रिजल्ट विद्यार्थी के हार्ड वर्क का मुहर होता है.

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डीडीसी मनीष कुमार के टिप्स

  1. पैरेंट्स अपनी इच्छा विद्यार्थियों पर नहीं थोपें, विद्यार्थियों को विषय चयन व करियर बनाने में आजादी देनी चाहिए.
  2. पढ़ते-पढ़ते हमारा दिमाग फिक्सेट हो जाता है. हम एक ही प्रकार से चीजों को सोचने लगते हैं, लेकिन इससे बचने की आवश्यकता है.
  3. लोग अनाथ आश्रम में अपने जन्मदिन मनाने जाते हैं, यह अच्छी बात है लेकिन अगर वास्तव में आप कुछ अच्छा करना चाहते हैं तो अनाथ आश्रम जाकर वहां रहने वाले बच्चों का कभी जन्मदिन मनाइये.
  4. स्टूडेंट के सफलता का एक ही मंत्र है हार्ड वर्क, हार्ड वर्क, हार्ड वर्क
  5. जब भी आप कभी असफल हो जाएं तो निराश नहीं हों. माही द अनटोल्ड स्टोरी फिल्म से सीखें. उसमें जब महेंद्र सिंह धोनी का टीम में सेलेक्शन नही होता है तो वह बालूशाही व समोसा का पार्टी देता है, कहता है कि युवराज सिंह शायद उससे अच्छा होगा, उसकी मेहनत में कहीं कोई कमी हो गयी होगी. दोबारा मेहनत करेंगे, और वह कुछ दिनों के बाद वह सफल होते हैं.
  6. दूसरों की सुनने के बजाए अपने दिल की सुनें और पूरी ईमानदारी से मेहनत करें.
  7. पैरेंट्स, टीचर, माता-पिता और आप खुद. ये चार लोग ही होते हैं जो हमेशा अच्छे फीडबैक देते हैं.

सफलता उन्हीं के कदम चूमती है, जो अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित होते हैं: ममता प्रियदर्शी

हमारी जीवन यात्रा में सफलता की प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत का महत्व अत्यधिक है. जिला वन पदाधिकारी ममता प्रियदर्शी ने द्वितीय सत्र में इसी सत्य को स्पष्ट किया. प्रभात खबर सम्मान समारोह के द्वितीय सत्र में जिला वन पदाधिकारी-ममता प्रियदर्शी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि जो कड़ी मेहनत करेगा, उसे सफलता जरूर मिलेगी. सफलता के लिए कोई शॉर्टकर्ट तरीका नहीं होता. दृढ़ संकल्प और सजगता के साथ मेहनत करना ही सफलता की कुंजी है. सफलता का कोई आसान रास्ता नहीं होता.

यदि हम चाहते हैं कि हमारे सपने साकार हों, तो हमें मेहनत के पथ पर ही चलना होगा. जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता उन्हीं के कदम चूमती है, जो अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित होते हैं. जब हम अपने सपनों की ओर मेहनत से कदम बढ़ाते हैं, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती. उन्होंने छात्रों से कहा कि समय का सदुपयोग करना अत्यंत आवश्यक है. समय एक अनमोल संसाधन है, जो एक बार गुजर जाने के बाद वापस नहीं आता. यदि हम अपने समय का सही प्रबंधन और अनुशासन के साथ मेहनत करेंगे तो अपनी मंजिल को आसानी से हासिल कर सकते हैं. मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है. यह जरूरी नहीं कि हर प्रयास तुरंत परिणाम लाए, लेकिन निरंतर प्रयास और धैर्य के साथ की गई मेहनत अवश्य रंग लाती है. सफलता के मार्ग में कठिनाइयां आ सकती हैं, लेकिन हमें उनसे घबराना नहीं चाहिए. मेहनत से हमें आत्मविश्वास मिलता है और हमारे भीतर की संभावनाओं को उजागर करता है. द्वितीय सत्र में बारहवीं के छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर सम्मानित किया गया.

छात्रों के सवालों का जवाब दिया व उन्हें मोटिवेट किया

ममता प्रियदर्शी ने छात्रों द्वारा पूछे गये कई सवालों का जवाब दिया और उनकी जिज्ञासा को शांत किया. उन्होंने छात्रा को मोटिवेट करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए मेहनत के अलावा कोई विकल्प नहीं है. हमें अपने लक्ष्यों के प्रति सजग और समर्पित रहना होगा. मेहनत और धैर्य से ही हम अपनी मंजिल तक पहुंचा सकता है. इसलिए हमें अपने जीवन में मेहनत और समय प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए. सफलता का स्वाद चखने के लिए हमें अपने प्रयासों में निरंतरता और दृढ़ संकल्प बनाए रखना होगा.

समाज को रिटर्न देने की कोशिश अवश्य करें: सतीश कुमार सिंह

टाटा वर्कर्स यूनियन के महासचिव सतीश कुमार सिंह ने द्वितीय सत्र में छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता की ऊंचाइयों को छूने के बावजूद हमें अपनी मौलिक पहचान को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति की सफलता में उसके परिवार के साथ-साथ समाज का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसलिए, हमें समाज को रिटर्न देने की कोशिश अवश्य करनी चाहिए.उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें. स्वास्थ्य ही हमारे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है. जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, तो हम किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम होते हैं. उन्होंने छात्रों को खूब मेहनत करने की सलाह दी.

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