Prabhat Khabar Special: सुवर्णरेखा नदी किनारे धड़ल्ले से हो रहा अतिक्रमण, दबंगों की नाला बनाने की साजिश

कोल्हान समेत झारखंड की लाइफलाइन सुवर्णरेखा नदी के तट का तेजी से अतिक्रमण हो रहा है. राजनेता, पुलिस और प्रशासन की सांठगांठ से चल रहे इस खेल में इसको नाला बनाने की साजिश की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 13, 2023 4:42 AM
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Prabhat Khabar Special: कोल्हान समेत झारखंड की लाइफलाइन कही जाने वाली सुवर्णरेखा नदी के तट का तेजी से अतिक्रमण हो रहा है. यह कभी चौड़ी और तेज धार वाली नदी थी. लेकिन इसके बहाव क्षेत्र (रिवर बेड) की जमीन का अतिक्रमण किये जाने से यह नदी से नाला बनकर रह गयी है. राजनेता, पुलिस और प्रशासन के साथ सांठगांठ कर दबंग नदी तट की जमीन की प्लॉटिंग कर बेच रहा है. 75 हजार से दो लाख रुपये में जमीन खरीद कर लोग घर बना रहे हैं.

इन क्षेत्रों में बेची जा रही जमीन

मानगो पुल से आगे सुवर्णरेखा बर्निंग घाट के बगल से लेकर भुइयांडीह, बाबूडीह, कल्याणनगर समेत आसपास के क्षेत्र में नदी किनारे की जमीन प्लॉटिंग कर बेची जा रही है. नदी तट के अतिक्रमण से नदी की चौड़ाई कम हो रही है और नदी नाले का रूप ले रही है. थाना की मिलीभगत से राजनेता और दबंग रुपये लेकर जमीन घेर रहे हैं. इसमें दबंगों की एक पूरी जमात शामिल है, जो इस कारोबार को संरक्षण दे रहा है. इस इलाके में अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी जमशेदपुर अक्षेस की है, लेकिन कल्याणनगर में नदी के किनारे बहाव क्षेत्र में अक्षेस ने ही शौचालय बना दिया है. हर बरसात में यह शौचालय डूब जाता है. इसको लेकर आपत्तियां भी जतायी गयी थीं.

60 प्रतिशत ही बह पा रहा है पानी

जमशेदपुर में मरीन ड्राइव, टोल ब्रिज व सोनारी-कांदरबेड़ा पुल के निर्माण में नदी क्षेत्र का अतिक्रमण हुआ है. मानगो, कपाली, आदित्यपुर तथा जुगसलाई क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में भी नदी में अतिक्रमण बढ़ा है. इस वजह से नदी की चौड़ाई दिन-प्रतिदिन सिमटती जा रही है. बीते 10-12 वर्षों से खरकई नदी के आदित्यपुर पुल के पास लगे ‘गेज स्टेशन’ के आंकड़ों के अध्ययन से स्पष्ट है कि वर्ष 2008 में जितना पानी किसी खास स्तर पर नदी में बहता था, आज की तिथि में उसका 60 प्रतिशत ही पानी बह पा रहा है. अर्थात आदित्यपुर पुल से मानगो पुल के बीच नदी का क्रॉस सेक्शन अतिक्रमण के कारण घटा है.

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विधानसभा में मामले को उठाया है, फिर से बातचीत करेंगे

विधायक सरयू राय ने कहा कि हमने कई बार प्रशासन से नदी के अतिक्रमण को लेकर शिकायत की है. विधानसभा में भी मामले को उठाया है. हमारी जानकारी में है कि अतिक्रमण हो रहा है. इसको लेकर प्रशासन को सूचित किया गया है. पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. एक बार फिर से इस मुद्दे पर बातचीत की जायेगी.

दलाल और दबंग की सांठगांठ से हो रहा अतिक्रमण

नदी बचाओ आंदोलन के नेता डॉ दिनेश मिश्र ने कहा कि कानून का पालन होना चाहिए. कानून का अनुपालन करने वाली एजेंसियां हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगी तो कैसे होगा. जमीन दलालों के साथ-साथ दबंगों की पुलिस से सांठगांठ रहती है, जिस वजह से संगठित अपराध हो रहा है. ऐसे अपराध की सजा आने वाली पीढ़ियाें को भुगतनी पड़ेगी. लोगों को जागरूक कर ऐसे प्रवृत्तियों पर रोक लगाने के साथ सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए.

पुलिस, प्रशासन व नगर निकायों के साथ मिलकर करेंगे कार्रवाई

इस संबंध में सुवर्णरेखा परियोजना के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नीलम संजीव मिंज ने कहा कि बहाव क्षेत्र के अतिक्रमण को रोकेंगे. इसकी शिकायत मिली है. नदी के बहाव क्षेत्र में किसी तरह का निर्माण कार्य नहीं हो सकता है. जिला पुलिस, प्रशासन और नगर निकायों के साथ मिलकर इसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

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