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खटिया पर प्रसूता को कराया नाला पार : फोन करने पर नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, ममता वाहन को देने पड़े 500 रुपये

सहिया लक्ष्मी सोरेन ने बताया कि गांव का रास्ता उबड़-खाबड़ और जर्जर है. गांव से निकलने के लिए पहाड़ी नाले को पार करना पड़ता है. छोटे वाहन का आना संभव नहीं है. कापुरमनी किस्कू को प्रसव पीड़ा हुई. उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया, तो उपलब्ध नहीं हो पायी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2023 3:14 AM
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Jharkhand News Today: पूर्वी सिंहभूम के धालभूमगढ़ स्थित गुड़ाबांदा के बीहड़ क्षेत्र सरकारी दावों के पोल खोल रहे हैं. दरअसल, आज भी कई गांव तक जाने के लिए सड़क व रास्ता नहीं है. शुक्रवार को एक गर्भवती को खटिया पर लाद कर नाला पार कर ममता वाहन तक लाना पड़ा. इस दौरान ममता वाहन में महिला का प्रसव हो गया. मामला गुड़ाबांदा प्रखंड की फॉरेस्ट ब्लॉक पंचायत के बारुणमुट्ठी गांव का है.

यहां की सहिया लक्ष्मी सोरेन ने बताया कि गांव का रास्ता उबड़-खाबड़ और जर्जर है. गांव से निकलने के लिए एक पहाड़ी नाले को पार करना पड़ता है. इस रास्ते से छोटे वाहन का आना संभव नहीं है. बारुणमुट्ठी गांव में 20 परिवार रहते हैं. शुक्रवार को कापुरमनी किस्कू को प्रसव पीड़ा हुई. उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया, तो उपलब्ध नहीं हो पायी.

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उन्होंने ममता वाहन को फोन किया. ममता वाहन संचालक का कहना है कि मरीज को लाने पर ही उन्हें भुगतान किया जाता है. वाहन में मरीज नहीं रहने पर भुगतान नहीं किया जाता. ऐसे में गर्भवती के परिजनों को ममता वाहन के लिए 500 रुपये देने पड़े. अफरा-तफरी में मरीज को खटिया पर उठाकर ममता वाहन तक लाना पड़ा. रास्ते में महिला ने पुत्र को जन्म दिया.

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सहिया लक्ष्मी सोरेन ने कहा कि इसके पूर्व भी कई ऐसे मामले आये हैं. गांव तक वाहन नहीं पहुंचने के कारण गर्भवती महिलाओं को परेशानी झेलनी पड़ती है. सरकार नाले पर एक पुलिया बना दे तो आवागमन सुलभ होगा. उन्होंने कहा कि बच्चे के साथ मां की स्थिति गंभीर थी. किसी प्रकार उसे प्रसव गृह पहुंचाया गया. वहां दोनों स्वस्थ हैं.

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