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जमशेदपुर में बच्चों की मौत पर कार्रवाई की तैयारी, टीएमएच को भेजा नोटिस

राज्य सरकार से दिशा-निर्देश मांगा गया है कि आखिर किस स्तर पर जांच की जा सकती है. वैसे यह भी आग्रह किया गया है कि राज्य सरकार के स्तर पर ही जांच कमेटी बनकार जांच करायी जाये.

इलाज में लापरवाही की शिकायत खासकर टीएमएच में हो रही मौतों के लेकर सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने टीएमएच प्रबंधन को नोटिस जारी किया है. इसमें यह पूछा गया है कि आखिर किन परिस्थितियों में बच्चों की मौत हुई है. सितंबर माह में 30 दिनों में 25 बच्चों की मौत के मामले में प्रबंधन से स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है. सिविल सर्जन ने मौत के कारणों, चल रहे इलाज की अलग-अलग जानकारी मांगी है. प्रभात खबर में छपी रिपोर्ट के आधार पर यह सवाल किया गया है.

वहीं सिविल सर्जन ने विभाग को पत्र लिखकर टीएमएच में बच्चों की मौत को लेकर क्या कदम उठाये जा सकते हैं, इस मामले में क्या कार्रवाई की जा सकती है, इसके लिए मार्गदर्शन मांगा गया है. सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी ने कहा कि यह मामला गंभीर है. टीएमएच से जानकारी मांगी गयी है. जैसे ही जानकारी आयेगी, उसके बाद इसकी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी. टीएमएच पर कार्रवाई करने को लेकर राज्य सरकार से दिशा-निर्देश मांगा गया है कि आखिर किस स्तर पर जांच की जा सकती है. वैसे यह भी आग्रह किया गया है कि राज्य सरकार के स्तर पर ही जांच कमेटी बनकार जांच करायी जाये.

टिनप्लेट अस्पताल में डेंगू से एक और जान गई

टिनप्लेट अस्पताल में गुरुवार को डेंगू पीड़ित ग्रेजुएट कॉलेज की पीजी की छात्रा निधि कुमारी (उम्र 23) की मौत हो गयी. इससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. इस दौरान डॉक्टरों के साथ नोंक-झोंक भी हुई. परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया. हंगामे की सूचना मिलने पर गोलमुरी पुलिस अस्पताल पहुंची और परिजनों से बातचीत की, तब जाकर मामला शांत हुआ. देर शाम परिजन शव लेकर चले गये. परिजनों या अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई शिकायत गोलमुरी थाने में नहीं की गयी. परिजनों का कहना था कि डॉक्टर और नर्स की लापरवाही की वजह से निधि की मौत हुई है. प्रशासन मामले को देखे, ताकि दूसरे मरीज की मौत लापरवाही की वजह से नहीं हो. इस मामले में टिनप्लेट अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई पक्ष नहीं दिया गया.

परिजनों का आरोप

टेल्को थाना अंतर्गत प्रेमनगर रोड नंबर तीन की रहने वाली मृतका निधि कुमारी के पिता विपिन राय ने बताया कि उसकी 23 वर्षीय पुत्री निधि कुमारी को डेंगू होने पर तीन अक्तूबर की शाम साढ़े सात बजे के लगभग टिनप्लेट अस्पताल में भर्ती कराया था. उस समय प्लेटलेट्स एक लाख से ज्यादा था. अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों ने मरीज का ठीक से इलाज नहीं किया. दो दिन तक वार्ड में ही रखे रहे. बुधवार की शाम पांच बजे पेट फूलने पर परिजनों के कहने पर अल्ट्रासाउंड किया गया. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर निधि को आइसीयू रेफर कर दिया गया. प्लेटलेट्स लाकर दिया गया. रात भर परिजन आइसीयू के बाहर बैठे रहे. वहीं डॉक्टर व नर्सों ने इलाज ठीक से नहीं किया. जब परिजनों ने जाकर कहा, तो उन्हें वहां से हटा दिया गया. गुरुवार को 12 बजे रिपोर्ट देने की बात कही, जबकि 1:30 बजे के लगभग डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और नर्स की लापरवाही की वजह से निधि की मौत हुई है. निधि की मौत के बाद बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गये और जमकर हंगामा किया. मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो था. मृतका तीन भाई व तीन बहनों में सबसे बड़ी थी.

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जिले में अब तक हो चुकी है डेंगू से छह मौतें

जिला प्रशासन के आंकड़ों की मानें, तो 28 सितंबर तक जिले में डेंगू से छह लोगों की ही मौत हुई है. निधि की मौत के बाद डेंगू से मरने वालों की संख्या सात हो गयी है. 30 अगस्त को जिले में डेंगू से पहली मौत मानगो आजादनगर निवासी ताहरा परवीन (63) की टीएमएच में इलाज के दौरान हो गयी थी. इसके अलावा मृतकों में सोनारी निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग और बिरसानगर निवासी 37 वर्षीय युवक और जेपीएस बारीडीह, तारापोर एग्रिको और डीबीएमएस इंग्लिश स्कूल का एक-एक छात्र शामिल है. तीनों स्कूली बच्चों की मौत डेंगू से हुई.

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