जमशेदपुर : शहर में सब्जियों की आवक कम है. इस वजह से हर दिन सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं. ऐसे में बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों की थालियों से हरी सब्जियां गायब होने लगी हैं. इसका असर लोगों की जेब पर भी पड़ा है. ज्यादा कीमत होने के कारण लोग कम मात्रा में सब्जियां खरीद रहे हैं. लॉकडाउन में नुकसान, बारिश के कारण फसल बर्बाद होने, उत्पादन कम होने व ट्रेन नहीं चलने के कारण आवक कम होने से सब्जियों की कीमतों में वृद्धि हुई है.
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किसान व सब्जी के कारोबारियों के अनुसार सब्जियों की कीमत में अक्तूबर के मध्य तक कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. रांची, पटमदा व झारखंड से सटे बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों से हाट-बाजार में सब्जियों की आवक शुरू होते ही दाम में नरमी आयेगी. जमशेदपुर का सब्जी बाजार इन्हीं प्रमुख जगहों पर आश्रित है. फिलहाल शहर में आंध्र, नासिक व बंगाल से सब्जी आ रही है.
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अक्तूबर के मध्य तक राहत की उम्मीद
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शहर में इसलिए महंगी हो रही सब्जियां
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रांची, पटमदा, बंगाल से मंडी में सब्जी की आवक कम है.
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खुदरा कारोबारी मनमाने तरीके से सब्जी दो से तीन गुना ज्यादा दाम में बेच रहे हैं.
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कोरोना काल में बिक्री करने में आ रही समस्या की वजह से किसानों ने सब्जी की खेती नहीं की है.
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कारोबारी के संपर्क में आने वाले किसान ही खेती कर रहे.
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आंध्र प्रदेश, नासिक आदि जगहों से आने वाली सब्जी में ट्रांसपोर्टेशन व पैकिंग पर प्रति किलो 10 रुपये खर्च आता है
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बरकाकाना, सुइसा, बलरामपुर क्षेत्रों से आवक पूरी तरह से बंद है.
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बारिश के कारण फसल भी बर्बाद हाे गयी है
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कोरोना काल में बिक्री नहीं होने से किसानों ने डर से सब्जी की खेती नहीं की. इसका खामियाजा अभी शहर के आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है. दूसरे राज्यों से थोड़ी बहुत सब्जी की आवक है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन व पैकेजिंग आदि का शुल्क भी सब्जी के दाम में जुड़ जाता है, जिससे ग्राहकों तक सब्जी पहुंचने पर महंगी हो जाती है.
– अनिल मंडल, थोक सब्जी कारोबारी, साकची मंडी
शहर में लोकल सब्जियों की आवक बहुत कम है. पटमदा से भी आवक कम है. सब्जी के लिए शहर पटमदा, रांची व बंगाल पर ही आश्रित है. बरकाकाना, सुइसा, बलरामपुर आदि जगहों से सब्जी आती थी. इन जगहों से सब्जी आने की वजह से दाम में कंट्रोल रहता था.
-रणवीर मंडल, थोक सब्जी कारोबारी, साकची
थोक बाजार में सब्जी का दाम कम है. जहां तक खुदरा बाजार की बात है, तो उसको देखने वाला कोई नहीं है. खुदरा कारोबारी मनमाने तरीके से दो-तीन गुना ज्यादा दाम रखकर सब्जी बेच रहे हैं. शिमला मिर्च थोक बाजार में 50-55 है. खुदरा बाजार में 120 रुपये किलो बिक रही है.
-दिलीप मंडल, थोक सब्जी कारोबारी, साकची
Post by : Pritish Sahay