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एमजीएम की अव्यवस्था देख नाराज हुए प्रधान सचिव, अधीक्षक से कहा-पद पर रहना है कि नहीं, अधीक्षक ने कही ये बात

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह मंगलवार की दोपहर अचानक एमजीएम अस्पताल पहुंच गये. उन्होंने निरीक्षण के दौरान जो देखा उससे चकित रह गये. उन्होंने सबसे पहले अस्पताल के इमरजेंसी निरीक्षण किया.

अधीक्षक ने विनम्रता से कहा- मुझे हटा दीजिए

वार्डों की स्थिति देख कहा- क्या हाल कर दिया है

एक सप्ताह में स्थिति नहीं सुधरी तो होगी विभागीय कार्रवाई

जमशेदपुर :

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह मंगलवार की दोपहर अचानक एमजीएम अस्पताल पहुंच गये. उन्होंने निरीक्षण के दौरान जो देखा उससे चकित रह गये. उन्होंने सबसे पहले अस्पताल के इमरजेंसी निरीक्षण किया. वहां कई मरीजों को जमीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा था. इमरजेंसी में बनी ओटी का बुरा हाल है. दीवार में लगा एसी खराब है, जगह-जगह टूट कर प्लास्टर गिर रहा है. इमरजेंसी में भीड़ देखकर कहा कि यहां मरीज ठीक होने की जगह और बीमार हो जायेंगे. उन्होंने निरीक्षण के दौरान इमरजेंसी में बंद पड़े सभी रूम को खुलवाया. नजारा देखकर वह दंग रह गये. रूम में कवाड़ भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि रूम में कबाड़ और जमीन पर मरीज, यह क्या है. तुरंत रूम को साफ कराकर वार्ड बनाएं और मरीजों को जमीन की जगह वहां रखें.

रूम में जंग खाते महंगे उपकरण देख जतायी नाराजगी

निरीक्षण के दौरान प्रधान सचिव ने देखा कि रूम में कई महंगे उपकरण जंग खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब उपयोग ही नहीं करना था तो फिर खरीदे क्यों. इसके बाद सचिव आईसीयू में पहुंचे. जहां आइसीयू इंचार्ज नहीं मिले. यहां की स्थिति देखकर अधीक्षक डॉक्टर रवींद्र कुमार और उपाधीक्षक डॉक्टर नकुल चौधरी पर भड़क गये. उन्होंने कहा-क्या करें आप दोनों को, सस्पेंड कर दें, इस पर अधीक्षक ने विनम्रता पूर्वक कहा -सर मुझे यहां से हटा दीजिए. उनकी बात सुनकर हर कोई चकित रह गया. इसके बाद सचिव ने उपाधीक्षक को बुलाकर पूछा कि कितने सालों से आप यहां हैं. उपाधीक्षक ने कहा एमजीएम के अलावा सरायकेला सदर अस्पताल के उपाधीक्षक पद पर भी कार्यरत हूं. इसे सुनकर सचिव ने कहा यह कैसे हो गया. उन्होंने तत्काल संयुक्त सचिव को फोन किया और इस मामले को देखने का निर्देश दिया. उन्होंने इमरजेंसी, एक्सरे, आयुष्मान, आइसीयू, डायलिसिस सेंटर, गायनिक वार्ड, बर्न वार्ड, बच्चा वार्ड सहित अन्य विभागों का भी निरीक्षण किया. इस दौरान कई प्रकार की कमी पायी. उन्होंने अधीक्षक, उपाधीक्षक व सभी विभाग के एचओडी को कहा कि अपने-अपने विभाग में जो कमी है उसको एक सप्ताह के अंदर दूर करें, नहीं तो कार्रवाई की जायेगी. इस दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर जुझार माझी सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे.

जितनी जरूरत हो उतनी ही करें खरीदारी

प्रधान सचिव ने स्टोर रूक का निरीक्षण किया. पूछा कोई एक्सपायरी दवा तो नहीं है. खराब उपकरणों की नीलामी करने की बात कही. बरामदे में रखे ग्लब्स के कार्टून को देखकर कहा कि एक साथ इतने ग्लब्स खरीदने का क्या मतलब है. जितनी खपत हो उतनी ही खरीदारी करें.

शिशु इमरजेंसी की स्थिति देख जतायी नाराजगी

शिशु इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमे पानी को देखकर सचिव ने नाराजगी जतायी. जीपी बिल्डिंग में बंद कमरों को खोलकर उसका उपयोग करने को कहा. एनआइसीयू-पीआइसीयू के निरीक्षण के दौरान फर्श पर बैठकर स्तनपान कराती महिलाओं को देखकर कहा कि क्या हाल बना रखा है. एक स्तनपान कक्ष तक नहीं है. सचिव ने कहा कि आपके पास पर्याप्त है, इसका उपयोग सही ढंग से करें.

एमजीएम की स्थिति काफी खराब, इसमें बहुत सुधार की जरूरत : प्रधान सचिव

प्रधान सचिव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि एमजीएम अस्पताल की स्थिति काफी खराब है. इसमें काफी सुधार की जरूरत है. अस्पताल में डॉक्टरों की कमी नहीं है. इसकी सही से निगरानी करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अस्पताल के रख-रखाव, मरम्मत सहित अन्य चीजों के लिए पांच करोड़ रुपये दिये जा रहे हैं. जो सभी विभागाध्यक्ष को दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के अंदर अगर अस्पताल की स्थिति नहीं सुधारी तो विभागीय कार्रवाई की जायेगाी. अव्यवस्था के लिए अधीक्षक-उपाधीक्षक के साथ-साथ विभागाध्यक्ष भी जिम्मेदार होंगे. सारे सिस्टम को बदलने की जरूरत है. जो अच्छा कार्य करेंगे उनको जिम्मेदारी सौंपी जायेगी.

सदर अस्पताल में बेड की कमी को दूर करने की जरूरत : अजय कुमार सिंह

प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने खासमहल स्थित सदर अस्पताल का भी निरीक्षण किया. वहां की व्यवस्था देखकर कहा एमजीएम से काफी अच्छा काम हो रहा है. सदर अस्पताल में रांची देश भर में दूसरे स्थान पर है, इसको तीसरा स्थान दिलाना है. मरीजों की संख्या के अनुसार बेड की कमी है. जिसको दूर करने की जरूरत है. उन्होंने 100 बेड बढ़ाने का निर्देश दिया. उन्होंने सिविल सर्जन डॉ जुझार मांझी से कहा कि अस्पताल में गंभीर बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर बाहर से बुलायें, उसके लिए विभाग पैसा देगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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