25 लाख रुपये की दवा जब्त, तीन गिरफ्तार
– कारोबार से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है पुलिस, पकड़े गये लोगों को रिमांड पर लेगी उलीडीह पुलिस– कोलकाता से नशीली दवा लाकर मोटर पार्ट्स दुकान समेत तीन जगहों पर करता था स्टोर
फोटो – दूबे जी
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
उलीडीह थाना क्षेत्र के महालक्ष्मी ऑटो पार्ट्स दुकानदार उमेश गुप्ता, उनके भाई राजकुमार गुप्ता और चालक सोनू पांडेय को पुलिस ने प्रतिबंधित नशीली दवा बेचने और होम डिलीवरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनके तीन अलग-अलग ठिकानों से करीब 25 लाख रुपये की प्रतिबंधित नशीली दवा और इंजेक्शन बरामद किया है. बरामद दवाएं सात अलग-अलग प्रकार की है. गिरफ्तार लोगों से इस कारोबार से जुड़ी कई अहम जानकारी पुलिस को मिली है. साथ ही इस कारोबार में शामिल अन्य लोगों के नाम भी आरोपियों ने पुलिस को बताये हैं. जिसके आधार पर पुलिस छापेमारी कर रही है. उक्त जानकारी एसएसपी किशोर कौशल ने उलीडीह थाना में संवाददाता सम्मेलन कर दी.गुप्त सूचना पर पुलिस ने की कार्रवाई
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि उनके क्षेत्र में नशीली दवाओं का कारोबार काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. सूचना मिलने के बाद तीन अलग-अलग टीम बनायी गयी. उसके बाद प्राप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने पहले सादे लिवास में पूरी जानकारी ली. उसके बाद जब मामले को सही पाया गया तो पुलिस ने ताबड़तोड़ छोपमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित नशीली दवाओं को जब्त किया. पुलिस ने बताया कि उमेश कुमार गुप्ता पूर्व में भी जेल जा चुका है.एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि उमेश गुप्ता कोलकाता से दवा लेकर आता था. वह अपने भाई के दवा दुकान के लाइसेंस को सामने रखकर खरीद-बिक्री का काम करता था. उसके बाद वह उसे जमशेदपुर में स्टोर कर बिना डॉक्टर की पर्ची के बेचता था. ऑर्डर आने पर उसकी होम डिलीवरी भी करता था, उसके ज्यादा पैसे लेता था. उमेश के ऑटो पार्ट्स और दवा दुकान के पास से काफी संख्या में दवा के खाली बोतल और कई अन्य सामान भी पुलिस ने बरामद की है. इससे यह भी प्रतीत होता है कि दुकान के पास ही नशा का सेवन किया जाता था. हालांकि इस मामले में पुलिस छानबीन कर रही है.
नशा के खिलाफ जारी रहेगा अभियान
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि जमशेदपुर पुलिस द्वारा लगातार नशे को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. आम तौर पर देखा जाता है कि किसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधी अधिकांश समय नशे की हालत में रहते हैं. नशीले पदार्थ के खिलाफ पुलिस का लगातार अभियान जारी है. नशीली दवाओं का कारोबार भी पूरी तरह से गलत है. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा. टीम में सिटी एसपी कुमार शिवाशीष, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, पटमदा डीएसपी बचनदेव कुजूर, प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक ऋषभ त्रिवेदी, सन्नी वर्धन, एमजीएम थाना प्रभारी रामबाबू मंडल, उलीडीह थाना प्रभारी अमित कुमार समेत कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
भाई के दवा दुकान का सहारा लेकर करता था कारोबार
पुलिस ने बताया कि उमेश कुमार गुप्ता के भाई राजकुमार गुप्ता का मां लक्ष्मी वैभव मेडिकल दुकान है. वह अपने भाई के दुकान का नाम सामने रखकर नशीली और प्रतिबंधित दवा का कारोबार काफी दिनों से कर रहा था. प्रतिबंधित दवा को उमेश भाई के दवा दुकान में भी छुपा कर रखा था. इसके अलावे उमेश अपनी मोटर पार्ट्स की दुकान में भी दवाओं को छुपा कर रखा था. इसके अलावे उसने गोदाम के रूप में एक कमरा भी किराये पर लेकर रखा था. जिसमें से भी भारी मात्रा में दवा बरामद किया गया. पुलिस ने बताया कि जब वे लोग छापेमारी करने के लिए गये, तो उस वक्त भी कई ग्राहक दुकान में नशीली दवा और इंजेक्शन लेने पहुंचे थे. लेकिन पुलिस ने उन्हें भगा दिया.दवा उपलब्ध कराने वाले डिस्ट्रीब्यूटर पर भी होगी
कार्रवाई
एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि इस प्रकार के अवैध रूप से कारोबार करने वाले सभी के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. इसके अलावे यह भी जांच का विषय है कि इतनी ज्यादा मात्रा में बिना पेपर की दवाईयां कहा से आयी. अगर कोई दुकानदार अवैध रूप से दवा इन लोगों को बेच रहा है तो उसके बारे में भी पता लगाया जा रहा है. ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की जायेगी. कई दवाओं का कोड भी मिटा दिया गया है. उसके बारे में पता लगाया जा रहा है.————–
ये हुआ बरामद
– सीरफ का बोतल – 3738 पीस
– कैप्सूल – 20,304 पीस– टैबलेट – 5500 पीस
– इंजेक्शन- 2192 पीसडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है