वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के सामने आदिवासी सेंगेल अभियान ने आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के नाम पर वंशानुगत नियुक्त माझी बाबा, पारानिक बाबा, परगना बाबा व देश परगना बाबा के खिलाफ एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. साथ ही उनके विरोध में नारेबाजी भी की.मौके पर दिशोम सेंगेल परगना सोनाराम सोरेन ने कहा कि वंशानुगत स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख संविधान और जनतंत्र को नहीं मानते हैं. वे तानाशाही तरीके से स्वशासन व्यवस्था को चलाते हैं. वे जबरन सामाजिक बहिष्कार, जुर्माना, महिला विरोधी मानसिकता, डायन प्रताड़ना, अंधविश्वास जैसे चीजों को बढ़ावा देते हैं. इस वजह से गांव में स्वशासन के नाम पर समाज के लोगों को गुलामी की जीवन जीने को विवश करते हैं, इसलिए गांव में अविलंब संविधान और जनतंत्र को लागू कराया जाये. वंशानुगत स्वशासन व्यवस्था के प्रमुखों का चयन बंद होना चाहिए. समाज के पढ़े-लिखे व योग्य व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है, बावजूद इसके राज्य सरकार, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन इसे लागू कराने में विफल है.धरना-प्रदर्शन के पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक मांग पत्र जमशेदपुर प्रखंड की बीडीओ को सौंपा गया. प्रदर्शन में सेंगेल दिशोम परगना-सोनाराम सोरेन, विमो मुर्मू, कुनूराम बास्के, सीताराम, जूनियर मुर्मू, जोबारानी बास्के, सोमाय सोरेन, अर्जुन मुर्मू, मंगल आल्डा आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है