जमशेदपुर: राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड में पं रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विवि विधेयक-2021 को स्वीकृति प्रदान कर दी है. विधानसभा के शीतकालीन सत्र (दिसंबर-2021) में विवि की स्थापना से संबंधित विधेयक लाया गया था. राज्यपाल की मुहर लगने के बाद अब विधि विभाग द्वारा गजट का प्रकाशन कर दिया जायेगा. इसके साथ ही अब विवि की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा विवि में कोर्स की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पास भेजने की कार्रवाई करेगा. विवि का मुख्यालय वर्तमान में जमशेदपुर स्थित प्रोफेशनल इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन में होगा. हालांकि विवि की स्थापना के लिए घाटशिला सहित पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम में कई लोगों द्वारा जमीन देने की बात कही है.
विधेयक पास होने के बाद अब विवि में कुलपति सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी तेज की जायेगी. साथ ही विवि में 2022 सत्र से नामांकन प्रक्रिया शुरू करते हुए कोर्स शुरू कर दी जायेगी. कुलपति, प्रतिकुलपति, वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा उनके समक्ष रखे गये नामों की वरियता के क्रम में बनाये रखते हुए राज्य सरकार की ही अनुशंसा पर राज्यपाल सह कुलाधिपति द्वारा की जायेगी.
आरंभ में विवि में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के आधार पर अर्थशास्त्र, इतिहास अौर पुरातत्व विभाग, भूगोल अौर क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजशास्त्र, मानव विज्ञान अौर प्रथागत कानून विभाग, प्रवासन अौर श्रम अध्ययन, राजनीतिविज्ञान, शांति अौर संघर्ष अध्ययन अध्ययन सहित हिंदी, संताली, हो, नागपुरी, कुड़ुख, मुंडारी, कुरमाली, खड़िया, पंचपरगनियां, खोरठा, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी अौर अन्य विदेशी भाषा, अौषधीय, सुगंधित तथा कृषि पौधों एवं पारंपरिक चिकित्सा, ग्रामीण तथा वन प्रबंधन एवं पर्यावरण विज्ञान तथा कानून, पर्यटन, आतिथ्य अौर होटल प्रबंधन, कंप्यूटर विज्ञान अौर सूचना प्रौद्योगिकी, जनजातीय कला, लोक साहित्य तथा संस्कृति, लोक अध्ययन विभाग, इतिहास तथा संग्राहालय विज्ञान, जनजातीय तथा तुलनात्मक भाषा विज्ञान, ललित कला, मंच कला, शारीरिक शिक्षा, विधि आदि विषय में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री व पीजी की पढ़ाई होगी.
मुख्य रूप से जनजातीय आबादी के लिए जनजातीय अध्ययन पर उच्च शिक्षा अौर अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करना. जनजातीय केंद्रित सामाजिक विज्ञान, कला, संस्कृति, भाषा अौर भाषा विज्ञान, विज्ञान, वन आधारित आर्थिक गतिविधियां आदि पर शिक्षण अौर अनुसंधान, देश-विदेश के अन्य विवि व संगठनों के साथ मिल कर आदिवासी आबादी पर सांस्कृतिक अध्ययन अौर अनुसंधान, आदिवासी केंद्रित विकास मॉडल तैयार करना , अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, शैक्षिक अौर आर्थिक स्थितियों में सुधार अौर कल्याण एवं बौद्धिक, शैक्षणिक अौर सांस्कृतिक विकास पर विशेष ध्यान देना है.
Posted By : Sameer Oraon