Loading election data...

नयी रेल परियोजनाओं से टाटानगर से देश के अन्य हिस्सों की बढ़ेगी कनेक्टिविटी

केंद्र सरकार द्वारा रेलवे की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है. इससे पूर्वी सिंहभूम जिले को सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है. इसके तहत देश के अन्य हिस्सों से जिले की कनेक्टिविटी बढ़ेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 12:48 AM

रेल यात्रियों और कारोबारियों को होगा लाभ

जमशेदपुर :

केंद्र सरकार द्वारा रेलवे की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है. इससे पूर्वी सिंहभूम जिले को सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है. इसके तहत देश के अन्य हिस्सों से जिले की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. खास तौर पर तीन रेल परियोजना बादामपहाड़ – केंदुझारगढ़ नई लाइन (82 किमी), बंगरीपोसी – गोरुमहिसानी नई लाइन (86 किमी) और चाकुलिया – बुरामारा नई लाइन (60 किमी) की मंजूरी मिलने के बाद इस एरिया में कारोबारी के अलावा पैसेंजरों को भी लाभ होगा. एक अनुमान के मुताबिक, जिले में आयरन और स्टील की सप्लाई में बढ़ोत्तरी होगी. इसके अलावा यहां लगाये गये थर्मल पावर प्लांट को कोयला जल्दी मिलेगा. इससे बिजली उत्पादन क्षमता में सुधार होगा. टाटानगर और रांची औद्योगिक क्लस्टर को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. संथाल परगना की बंगाल और बिहार से बेहतर कनेक्टिविटी हो जायेगी. टाटा से रांची क्षेत्र से खड़गपुर क्षेत्र तक जाने वाली मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों की दूरी 30 किलोमीटर कम हो जाएगी. पारादीप, धामरा और सुवर्णरेखा के बंदरगाहों तक कोयले और स्टील का सस्ता और तेज़ परिवहन हो सकेगा.उद्योगों को मिलेगा सस्ता कोयला, पर्यटकों की बढ़ेगी संख्यापूर्वी सिंहभूम और उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्रों के तीर्थयात्रियों के लिए पुरी की दूरी तीस मिनट कम हो जाएगी. पूर्वी सिंहभूम और उत्तरी छोटानागपुर के उद्योगों को सस्ता आयातित कोयला और डोलोमाइट मिलेगा. उच्च घनत्व और संतृप्ति वाले मार्गों को भीतरी इलाकों में वैकल्पिक मार्ग मिलेगी. नई लाइन की क्षमता 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. मुर्गा महादेव मंदिर, मां तारिणी पीठ घाटगांव के अलावा सिमलीपाल बायोस्फीयर रिजर्व तक में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी. क्वार्ट्ज और क्वार्टजाइट पर आधारित उद्योग को इस क्षेत्र में तेज़ कनेक्टिविटी से बहुत लाभ होगा. झारखंड औद्योगिक क्लस्टर की पहुंच बंगरीपोसी-गुरुमाहिसानी लौह अयस्क खनन क्षेत्र तक होगी. पूर्वी तट से उत्तरी भारत की ओर यातायात के लिए नया मार्ग, जो भीड़भाड़ वाले रूपसा-खड़गपुर-टाटा नगर मार्ग से बचता है. हावड़ा-मुंबई एचडीएन और हावड़ा-चेन्नई एचडीएन मार्ग में परिचालन बेहतर हो सकेगा.

टाटानगर और क्योंझर के बीच की दूरी 52 किमी होगी कमयह टाटानगर और क्योंझर के बीच की दूरी को 52 किमी कम कर देगा, जिससे जखापुरा (कलिंगनगर औद्योगिक गलियारा) और टाटानगर औद्योगिक गलियारे के बीच यात्रा की दूरी कम हो जाएगी. टाटानगर और पारादीप और अन्य पूर्वी तट बंदरगाहों के बीच की दूरी को भी कम करेगा. इसके विस्तार की अनुमानित लागत 6294 करोड़ रुपये होगी. रेलवे का दावा है कि 76 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन होगा. इसके लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि 1819 हेक्टेयर होगी. ओडिशा सरकार ने मुफ़्त में ज़मीन देने का वादा किया है. रेलवे के दावे के मुताबिक, कार्बन उत्सर्जन में 259 करोड़ किलोग्राम की कमी आयेगी, जो 10.3 करोड़ पेड़ों के बराबर है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version