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रेल पुलिस ने 321 दिन में न्याय तो दिला दिया, लेकिन मुआवजा नहीं दिला सकी

टाटानगर स्टेशन से तीन वर्षीय बच्ची के अपहरण के बाद दुष्कर्म व हत्या मामले में गुरुवार को विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया

जमशेदपुर : टाटानगर स्टेशन से तीन वर्षीय बच्ची के अपहरण के बाद दुष्कर्म व हत्या मामले में गुरुवार को विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया. लेकिन पोक्सो एक्ट में प्राथमिकी दर्ज होने, कोर्ट में अंतिम आरोप पत्र दाखिल होने अौर फिर कोर्ट से केस का फैसला होने के स्तर पर नियमानुसार बच्ची के मां-पिता को मुआवजा देने का प्रावधान था, जो कि अब तक नहीं मिला है.

हालांकि रेल एसपी आनंद प्रकाश ने मामले में गुरुवार को जिला प्रशासन को स्मार पत्र भेज बच्ची की मां को नियमानुसार मुआवजा देने की मांग की है. 321 दिन में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने वाली रेल पुलिस मुआवजा दिलाने में पिछड़ गयी है.

सबसे पहली मोनू मंडल की हुई थी गिरफ्तारी : घटना के बाद रेल पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर एक से 27 जुलाई 2019 को मोनू मंडल को गिरफ्तार किया था. उस समय तक केस में धारा 366, 372 व 120बी लगाया गया था, लेकिन बाद के अनुसंधान में दुष्कर्म अौर हत्या होने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने रिंकू साहू व कैलाश कुमार को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. इनकी गिरफ्तारी टाटानगर स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर हुई थी.

समय पर अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने, वैज्ञानिक व तकनीकी साक्ष्य बना आधार : मामले में टाटा रेल पुलिस की छह सदस्यीय एसआइटी टीम का सहयोग, अनुसंधान पदाधिकारी द्वारा समय पर अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने सहित तकनीकी साक्ष्य प्रस्तुत करने से आरोपियों को दोषी करार दिया गया. छह सदस्यीय एसआइटी टीम में टाटानगर मुख्यालय डीएसपी नूर मुश्तफा अंसारी, टाटा रेल थाना प्रभारी सुरजा सुंडी, अनुसंधान पदाधिकारी दारोगा चंद्रभूषण, सिपाही जितेंद्र, पिंटू कुमार व अन्य शामिल थे.

कंकाल गया था फॉरेंसिक प्रयोगशाला रेल पुलिस ने गांधीनगर के केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) में बच्ची के खोपड़ी का डीएनए टेस्ट करवाया, जिससे आरोपियों को दोषी साबित करने में मदद मिली.

अभियुक्तों को सजा-ए-मौत मिले, तभी मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिलेगी : मां

टाटानगर स्टेशन से तीन वर्षीय बच्ची के अपहरण के बाद दुष्कर्म व हत्या मामले में गुरुवार को विशेष कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया. मामले को लेकर गुरुवार को ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में बंगाल के पुरुलिया की रहने वाली बच्ची की मां ने कहा कि कोर्ट से मुझे न्याय मिला है, जिसकी मुझे पूरी उम्मीद थी.

अब सभी दोषी को कोर्ट से सजा-ए-मौत मिले, तभी मेरी बच्ची की आत्मा को शांति मिलेगी. मेरी बच्ची के साथ गलत काम करने वालों को भगवान कभी माफ नहीं करेगा. इस घटना से मेरी जिंदगी बर्बाद हो गयी है. कोर्ट पर भरोसा था और वहां से मुझे न्याय मिला है. लेकिन इस घटना को कभी भूल नहीं पाऊंगी.

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