जमशेदपुर : टाटानगर कार्यालय ने 20 फरवरी को जमशेदपुर प्रखंड के बीडीओ को पत्र भेज कर प्रखंड के रेलवे क्षेत्र में आने वाली पंचायतों में किसी भी तरह के विकास कार्य पर पूर्णत: रोक लगाने को कहा है. इसके बाद रेलवे क्षेत्र की 13 पंचायतों में विकास कार्य ठप हो गया है. गुरुवार को मुखिया संघ पूर्वी सिंहभूम का एक प्रतिनिधिमंडल कार्यकारी अध्यक्ष सरस्वती टुडू के नेतृत्व में सांसद विद्युवरण महतो से बिष्टुपुर स्थित उनके आवास पर मिला. उन्हें मांग पत्र सौंप कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया. सरस्वती टुडू ने बताया कि 13 पंचायत में से कुछ पंचायतों के 50 से 70 प्रतिशत तक रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं. वहीं उत्तर पूर्वी बागबेड़ा, उत्तरी बागबेड़ा, उत्तरी सुसनीगड़िया व दक्षिणी सुसनीगड़िया पंचायत पूर्णरूप से रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत ही आते हैं. रेलवे से मिले निर्देशानुसार इन पंचायतों में एक भी विकास काम नहीं हो सकेगा. उन्होंने आग्रह किया कि रेलवे क्षेत्र की विभिन्न बस्तियों में विकास कार्य बाधित न हो, मूलभूत सुविधाएं निरंतर मिलती रहे. सांसद ने आश्वासन दिया कि वे डीआरएम से बातचीत कर समस्या का हल निकालने का प्रयास करेंगे.
रेलवे क्षेत्र के विकास की जद में आयेंगे बागबेड़ा के कई इलाके
टाटानगर स्टेशन व आसपास के क्षेत्र का विकास करने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है. इसके तहत बागबेड़ा के कई इलाकों को स्टेशन के एरिया में ले लिया जायेगा. इसके लिए रेलवे अपनी अतिक्रमित जमीन को कब्जे में लेने और क्वार्टरों को तोड़कर नये सिरे से प्लानिंग पर काम कर रहा है. इसके लिए टेंडर निकल गया है और क्वार्टरों को तोड़ा जा रहा है. इसकी जद में बीएनआर मैदान के आसपास का एरिया, गुदड़ी बाजार, बागबेड़ा जाने वाले रास्ते के आसपास की रेलवे की जमीन आ रही है. चूंकि करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से टाटानगर रेलवे स्टेशन का विस्तार होगा. इस कारण आसपास रेस्टोरेंट, होटल, मॉल समेत अन्य सुविधाएं होंगी. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण होगा. योजना यह भी है कि रेलवे के वर्तमान कर्मचारियों की संख्या के मुताबिक उनके रहने के लिए अलग से कॉलोनी बनायी जाये. लोको कॉलोनी से लेकर टाटानगर रेलवे स्टेशन के आसपास स्थित रेलवे की सभी कॉलोनियों का डेवलपमेंट होना है. रेलवे पूरे एरिया को अपने कब्जे में लेगा. पोस्तुनगर, खुशबू नगर, गांधीनगर, वायरलेस मैदान के आसपास के एरिया का भी रेलवे की ओर से अधिग्रहण किया जायेगा और एक साल के भीतर जमीन का अधिग्रहण कर बड़ी परियोजना पर काम होगा. इसी तरह बर्मामाइंस तरफ के गेट के आसपास के एरिया को भी खाली कराकर दोनों ओर से इंट्री को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किया जायेगा.