राजस्थान दिवस कार्यक्रम : धालभूम क्लब मैदान में बिखरी राजस्थानी संस्कृति की छटा

राजस्थान दिवस कार्यक्रम में बिखरी प्रदेश की संस्कृति.

By Prabhat Khabar News Desk | April 17, 2024 12:19 AM

जमशेदपुर. साकची धालभूम क्लब मैदान में मंगलवार को पूरा राजस्थान उतर आया था. कहीं ऊंट की सवारी, कहीं लाह की बनती चूड़ी, कठपुतली नाच, बाइस्कोप पर टिकीं आंखें, तो मंच पर राजस्थानी लोकगीत-नृत्य की प्रस्तुतियों ने समां बांधा. मौका था पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से आयोजित राजस्थान दिवस (आपणो राजस्थान) कार्यक्रम का. राजस्थान के कलाकारों ने राजस्थानी लोकगीत धरती धोरारी को जैसे सुर दिया, सबकी निगाहें मंच पर जा टिकीं. मंच पर अगले ही पल घुमर नृत्य होने लगा. अब दर्शक इत्मिनान से लोकरंग का आनंद लेने लगे. इस दौरान फूलों की होली खेली गयी, जिसमें राधा-कृष्ण की झांकी देखते ही बन रही थी. कार्यक्रम का संचालन ईशा शर्मा ने किया.

खान-पान के बीच पुस्तक का कोना

पूरा क्लब मैदान राजस्थानी खान-पान से भरा था. चूरन, टॉफी कैंडी, कॉटन कैंडी, झालमुरी, चटपटी, पॉपकॉर्न, आइस क्रीम, पुचका, कचोरी चाट, बाबा चाट, मगोडी-पापड-अचार-खजला के काउंटर थे. मेहंदी, टैटू, चोखी ढाणी, तोता पंडित, शूटिंग, सेल्फी कार्नर, बच्चों के लिए बासुरी, कुम्हार की चलती चक्की पर भी सभी का ध्यान जा रहा था. इस बीच मरुधर साहित्य ट्रस्ट जमशेदपुर का स्टॉल भी था, जिसमें संबंधित प्रकाशन की सारी पुस्तकें उपलब्ध थीं. इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मकसद राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देना है.

मिला सम्मान

कार्यक्रम में बच्चे, महिलाएं, पुरुष और युगल जोड़ी को सर्वश्रेष्ठ राजस्थानी ड्रेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन की सभी शाखाओं को भी स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया, सम्मानित अतिथि अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोड़ी व अन्य शामिल हुए. कार्यक्रम पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष मुकेश मित्तल की देखरेख में आयोजित हुआ. मालूम हो कि हर वर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है. लेकिन, इस बार खाटू श्याम जी का मेला और होली का पर्व 30 मार्च के आसपास होने के कारण सम्मेलन की बैठक में इसे 16 अप्रैल को मनाने का फैसला लिया गया.

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