550 वर्षों की प्रतीक्षा, संघर्ष और आंदोलनों का नतीजा है राम मंदिर, यह सनातन धर्म का सबसे बड़ा तीर्थस्थल होगा
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या सहित देश-विदेश में रामनाम का जयकारा गूंज रहा है. लोगों को कण-कण में राम की अनुभूति हो रही है. वह लोग सौभाग्यशाली हैं, जो राम मंदिर के निर्माण के संघर्ष में शामिल रहे.
जमशेदपुर : अयोध्या बदल गयी है. पांच-सात वर्ष पहले तक अयोध्या का दौरा करने वाले लोग अब पहचान नहीं पायेंगे. अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए 550 साल तक लंबा संघर्ष चला. हजारों लोगों ने अपने कुर्बानियां दीं. साधु-संतों, कारसेवकों, धर्मात्माओं व मंदिर कार्य में जुड़े स्वयं सेवकों की कड़ी मेहनत का परिणाम आज सामने है. 22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामलला की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा होगी. हम सब बहुत भाग्यशाली हैं कि यह सबकुछ अपनी आंखों से होता हुआ देख रहे हैं. यह पूरे विश्व में सनातन धर्म के मानने वाले लोगों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान होगा. अयोध्या में पूरे वर्ष महाकुंभ जैसा दृश्य दिखेगा. यह हम सबके लिए गर्व की बात होगी.
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या सहित देश-विदेश में रामनाम का जयकारा गूंज रहा है. लोगों को कण-कण में राम की अनुभूति हो रही है. वह लोग सौभाग्यशाली हैं, जो राम मंदिर के निर्माण के संघर्ष में शामिल रहे. अब अकल्पनीय-अद्भुत श्रीराम मंदिर को स्थापित होते हुए देख पा रहे हैं. कुछ समय पहले तक देश के जैसे हालात थे, सोचा नहीं था कि मंदिर बन पायेगा. तबीयत खराब होने लगी तो लगा कि मंदिर देखने की लालसा अधूरी रह जायेगी. भगवान भोलेनाथ ने साधु-संतों व कार सेवकों की इच्छा पूरी की. ईश्वर ने राजनेता के रूप में हठी-तपस्वी नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों को सत्ता के शीर्ष पर बैठाया. इन्होंने सनातन के मान-सम्मान को विश्व भर में ऊंचा करने का काम किया. इस समारोह में हिस्सा लेने झारखंड और जमशेदपुर से भी बहुत सारे लोग आये हैं.
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बदल गयी अयोध्या
अयोध्या में कई तरह के बड़े बदलाव किए गये हैं. यह विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल के बनने की ओर अग्रसर है. अयोध्या में मंदिर का निर्माण में तेजी से हुआ. दूसरी तरफ शहर का कायाकल्प भी जोर-शोर से किया गया है. यातायात सुविधा को बेहतर किया गया है. रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट का निर्माण किया गया. अयोध्या के नवनिर्मित रेलवे स्टेशन में कुल तीन नये प्लेटफॉर्म हैं. इसको बनाने में चार साल का समय लगा है. यह 11 हजार वर्गमीटर में फैला हुआ है. इसकी खासियत है कि ये श्री राम जन्मभूमि मंदिर से प्रेरित है. यह त्रेता युग का अहसास देता है. अयोध्या के नये एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट है. यहां से हवाई सेवाएं प्रारंभ हो गयी हैं.