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जमशेदपुर के एमजीएम में फिर दिखा अव्यवस्था का आलम, शव को चूहे ने कुतरा, सुबह-सुबह परिजनों ने किया हंगामा

जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में फिर अव्यवस्था का माहौल दिखा. शीतगृह में रखे एक शव को चूहे ने कुतर दिया. विरोध में मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया.

जमशेदपुर, अशोक झा : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एमजीएम) के शीतगृह में रखे शव को चूहे ने कुतर दिया. आक्रोशित परिजनों ने गुरुवार सुबह एमजीएम अस्पताल परिसर में हंगामा कर दिया.

एमजीएम में हंगामे की वजह से मची अफरा-तफरी

परिजनों के हंगामे की वजह से अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गयी. मृतक के रिश्तेदार ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि मानगो दाइगुटू निवासी श्याम सिंह (45) मंगलवार को वाहन से गिरने की वजह से घायल हो गये थे. इलाज के लिए बुधवार की सुबह परिजनों ने एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया था.

इमरजेंसी में बुधवार सुबह हो गयी थी श्याम सिंह की मौत

इलाज के दौरान श्याम सिंह की इमरजेंसी में ही बुधवार की सुबह मौत हो गयी. अस्पताल प्रबंधन से परिजनों ने अनुरोध किया कि शव को शीतगृह में रख दिया जाए. इस पर प्रबंधन ने शव को शीतगृह में रखने का आदेश दिया. हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से कहा था कि शव को यहां न रखें, लेकिन यह नहीं बताया कि शव को चूहे कुतर सकते हैं.

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शव के पैर की उंगलियों और प्राइवेट पार्ट को चूहों ने कुतरा

गुरुवार (11 अप्रैल) की सुबह परिजन पहुंचे, तो देखा कि शव के पैर की उंगलियों और प्राइवेट पार्ट को चूहे ने कुतर दिया है. बता दें कि चूहों के द्वारा शव को कुतरने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी कई बार चूहे शवों को कुतर चुके हैं.

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परिजनों के बार-बार के आग्रह पर अस्पताल में रखा गया था शव

जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ रवींद्र कुमार से इस संबंध में पूछने पर कहा कि शीतगृह में शव रखने की जगह नहीं थी. परिजनों को पहले ही कहा गया था कि मोर्चरी में पहले से शव हैं. उन्होंने कहा कि बाहर रूम में एसी चलाकर शव को रखा गया था. बार-बार परिजनों ने अस्पताल में ही शव को रखने का अनुरोध किया था. इसलिए शव को एसी चलाकर कमरे में रख दिया गया था.

शीतगृह में शव रखने की जगह नहीं बची थी. परिजनों को पहले ही कहा गया था कि मोर्चरी में पहले से शव हैं. बार- बार परिजनों ने अस्पताल में ही शव को रखने का अनुरोध किया, तो शव को एसी चलाकर कमरे में रख दिया गया था.

डॉ रवींद्र कुमार, अधीक्षक, एमजीएम अस्पताल

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