सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक विद्यालयों के लिए पुरानी पेंशन योजना का संकल्प जारी
झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार ने सहायता प्राप्त एवं अल्पसंख्यक प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का संकल्प जारी कर दिया है.
836 प्रारंभिक और 134 उच्च विद्यालय को मिलेगा लाभ, सरकारी खजाने पर बढ़ेगा 1915.80 लाख का भार
शिक्षक नेताओं ने चंपाई सोरेन सरकार के प्रति जताया आभार
जमशेदपुर :
झारखंड की चंपाई सोरेन सरकार ने सहायता प्राप्त एवं अल्पसंख्यक प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का संकल्प जारी कर दिया है. इस संकल्प को झारखंड राजपत्र में प्रकाशित करने का आदेश जारी कर दिया गया है और इसकी प्रति राज्यपाल, महालेखाकार से लेकर जिला शिक्षा विभाग तक को उपलब्ध करायी जा रही है. इस योजना के लागू होने पर सरकारी खजाने पर 1915.80 लाख रुपये का अतिरिक्त भार सालाना पड़ेगा. मानव संसाधन विकास विभाग बिहार सरकार के संकल्प संख्या (237 दिनांक 22.09.1990) को आधार बनाते हुए जारी आदेश में सरकारी विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को उपलब्ध सुविधाएं मान्यता प्राप्त गैर सरकारी सहायता प्राप्त एवं अल्पसंख्यक प्रारंभिक एवं माध्यमिक विद्यालय, प्रस्वीकृत संस्कृत विद्यालय एवं मदरसा के शिक्षक/शिक्षकेत्तर कर्मियों को भी देय है. झारखंड सरकार के इस संकल्प के अनुसार 1 सितंबर 2022 को तथा उसके पश्चात नियुक्त शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मियों को पुरानी पेंशन अनुमान्य होगा. 1 दिसबर 2004 से 31 अगस्त 2022 तक नियुक्त होने वाले कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का विकल्प दिया. अस्थायी पेंशन योजना में बने रहने के विकल्प का चयन शपथ पत्र के माध्यम से करना होगा. इस संबंध में अलग से दिशा-निर्देश जारी होगा. 1 दिसंबर 2004 के पूर्व नियुक्त कर्मियों को पूर्व की भांति भविष्य निधि का लाभ देय होगा.इस संकल्प के जारी होने पर झारखंड राज्य सहायता प्राप्त एवं अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मी महासंघ के महासचिव एंथोनी तिग्गा, कार्यालय प्रभारी रमेश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष प्रभात कुमार सिंह, कुलविंदर सिंह ने राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारी के प्रति आभार जताया है. प्रभात कुमार सिंह ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि मुद्दे को सुलझाने में शिक्षक संघ सफल रहा है. इसी तरह से एकता के द्वारा संगठन के हर प्रयास भविष्य में भी सफल होंगे.
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