जमशेदपुर, संजीव भारद्वाज. आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने पूर्वी सिंहभूम के जिला मुख्यालय जमशेदपुर से मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा का आगाज किया. मंगलवार को उन्होंने टाटानगर में कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने आदिवासियों को धोखा दिया है. इस सरकार ने लिखित रूप से पारसनाथ पहाड़ को जैनियों को सौंप दिया है. इसे आदिवासी समाज कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. जमशेदपुर समेत झारखंड में 50 से अधिक जगहों पर आदिवासियों ने धरना-प्रदर्शन किया.
सालखन मुर्मू ने कहा कि गिरिडीह स्थित पारसनाथ पहाड़ मरांग बुरु को बचाने के लिए भारत यात्रा की शुरुआत की गयी है. पूर्वी सिंहभूम में उपायुक्त कार्यालय समेत झारखंड के अलग-अलग हिस्से में 50 से अधिक स्थानों पर धरना-प्रदर्शन गया. प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया. आदिवासियों ने कहा कि मरांग बुरु आदिवासियों का ईश्वर है, जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है.
जमशेदपुर स्थित पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरनास्थल पर नगाड़ा-धमसा बजाकर आंदोलन की शुरुआत की गयी. सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखंड सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर मरांग बुरु जैनियों सौंप दिया. कहा कि यह दुनिया भर के आदिवासियों के साथ धोखा है. उन्होंने कहा कि मरांग बुरु आदिवासियों के लिए अयोध्या के राम मंदिर से कम महत्वपूर्ण नहीं है.
Also Read: Lugu Buru Ghanta Bari| कैसे पहुंचें संतालियों के सबसे बड़े धर्मस्थल लुगु बुरु घंटा बाड़ी
सालखन मुर्मू ने कहा कि 17 जनवरी को जमशेदपुर से मरांग बुरु बचाओ भारत यात्रा की शुरुआत की गयी है. देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में हम जनसभा करेंगे, जनता को जागरूक करेंगे. यह सिलसिला फरवरी 2023 के अंत तक जारी रहेगी. 18 जनवरी को रांची, 19 जनवरी को रामगढ़, 20 जनवरी को हजारीबाग, 21 जनवरी को जामताड़ा, 22 जनवरी को दुमका, 23 जनवरी को गोड्डा में आंदोलन होगा.
इसके बाद 25 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुरुलिया, 26 जनवरी को बांकुड़ा और 31 जनवरी को फिर झारखंड के चाईबासा में सभा का आयोजन होगा. भारत यात्रा के दौरान वर्ष 2023 में हर हाल में सरना धर्म कोड की मान्यता, कुड़मी को एसटी का दर्जा देने का मामला, झारखंड में प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करना, देश के सभी पहाड़-पर्वतों को आदिवासियों को सौंपने का मामला जोर-शोर से उठाया जायेगा.
श्री मुर्मू ने कहा कि देश के 5 प्रदेशों में 50 जिला मुख्यालयों पर मरांग बुरु को बचाने के लिए धरना-प्रदर्शन होगा. इसके बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा. 30 जनवरी को 5 प्रदेशों के 50 जिला मुख्यालयों पर सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने और आदिवासियों की अन्य मांगों के समर्थन में मशाल जुलूस निकाला जायेगा.
Also Read: मधुबन में जुटे देशभर के आदिवासी, कहा- मरांग बुरू पर पहला अधिकार हमारा, इस दिन बंद रहेगा झारखंड
पूर्व सांसद ने पत्रकारों से हुए कहा कि दिशोम गुरु और ईसाई गुरु के खिलाफ भी आवाज बुलंद करेंगे. इन दोनों और इनके अंधभक्तों ने आदिवासियों के हासा, भाषा, जाति, धर्म, रोजगार आदि को बचाने के लिए कुछ नहीं किया. मरांग बुरु और लुगू बुरु को भी बेचने का काम इन्होंने किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. धरनास्थल पर जिला सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू, सेंगेल सभापति सीताराम माझी, बिरसा मुर्मू, छिता मुर्मू, बिमो मुर्मू, सोनाराम सोरेन, अर्जुन मुर्मू, भागीरथ मुर्मू, मार्शल टूडू, सनत बास्के, रामस्वरूप मुर्मू व अन्य मौजूद थे.