शिक्षक बहाली में संताली की अनदेखी, अविलंब सुधार करे सरकार

संताल पाठुवा गांवता (संताल स्टूडेंट्स यूनियन) ने एक संवाददाता सम्मेलन किया. जिले में संताली भाषा शिक्षक के लिए केवल 11 पद सृजित किया गया है, जो बिल्कुल ही समझ से परे है.

By Prabhat Khabar Print | June 28, 2024 6:56 PM

शिक्षक बहाली में हर बार होती है संताली व अन्य जनजाति भाषाओं की अनदेखी

जमशेदपुर :

पूर्वी कीताडीह पंचायत भवन में संताल पाठुवा गांवता (संताल स्टूडेंट्स यूनियन) ने एक संवाददाता सम्मेलन किया. जिसमें सरस्वती टुडू, नयन मुर्मू व धरमा मुर्मू ने कहा कि झारखंड सरकार ने जो शिक्षक बहाली निकाली है, उसमें पूर्वी सिंहभूम जिले में 1344 प्राथमिक व 576 मध्य विद्यालय हैं. इसके बावजूद जिले में संताली भाषा शिक्षक के लिए केवल 11 पद सृजित किया गया है, जो बिल्कुल ही समझ से परे है. राज्य सरकार ने आनन-फानन में पद को सृजित किया है. इसे फिर से सही आंकड़ा देकर जारी किया जाये. उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद चार बार पीजीटी की वैकेंसी आयी. जिसमें संताली तथा अन्य जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषाओं को प्रत्येक बार हाशिये पर रखने का काम किया गया है. प्रेसवार्ता में शेखर मुर्मू, पानमुनी किस्कू, रुपाली मांझी, बबलू मांझी, बबीता बेसरा, रीमा टुडू व अन्य मौजूद थे.

कॉलेजों में नहीं हैं एक भी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के प्रोफेसर

संताल स्टूडेंट्स यूनियन के छात्रों ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के एक भी प्रोफेसर नहीं हैं. जबकि सभी कॉलेजों में प्लस टू से लेकर एमए व बीएड तक की पढ़ाई हो रही है. सामाजिक संगठनों व छात्र संगठनों ने कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री समेत विधायक व सांसद को भी अपनी समस्या से अवगत कराया है. लेकिन किसी ने अभी तक कोई पहल नहीं की. छात्रों ने कहा कि शिक्षा को लेकर सरकार की ढुलमुल रवैये व गलत नीतियों का पुरजोर विरोध करते हैं.

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