सारंडा में एक बार फिर अवैध गांव बसाने के लिए पेड़ काटने का मामला सामने आया है. यह मामला सारंडा के चिरुबेड़ा जंगल का है. यहां करीब एक एकड़ भूमि में लगे 700 पेड़ काट दिये गये. इसके बाद वहां प्लास्टिक की झोपड़ी बना ली गयी. मंगलवार को प्रशासन की मदद से आसपास के ग्रामीणों ने 11 आरोपियों को पकड़कर वन विभाग के हवाले कर दिया.
सभी आरोपी गोइलकेरा के डेरोवां गांव के रहने वाले हैं. इनके पास से 10 टांगी व दो लोगों के पास से आधार कार्ड बरामद हुआ है. वन विभाग ने इनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की बात कही है. पकड़े गये सभी आरोपी बिरहोर हैं. इनका कहना था कि रोजगार नहीं मिलने के कारण जंगल काटकर बसने की योजना थी. संसाधन की भारी कमी से में जंगलों की सुरक्षा की उम्मीद बेमानी है.
आरोपियों ने सागवान, अर्जुन, आसन समेत अन्य प्रजातियों के करीब 700 पेड़ काट कर एक एकड़ भूमि को मैदान बना दिया है. वहीं जंगल के ऊंचे स्थान पर प्लास्टिक की झोपड़ी बना रखी थी. जंगल काटकर वहां खेती करने की मंशा थी. पकड़े गये लोगों ने बताया कि वे करीब एक साल तक मीना बाजार गांव के पास खुले में रह रहे थे. वहां जंगल की लताओं से रस्सियां बनाकर बाजार में बेचकर जीवन यापन करते थे. एक माह पहले चिरूबेड़ा जंगल में घुसे.
चिरूबेड़ा जंगल में अवैध घुसपैठ करने वाले 10 लोगों को निकाला गया है. इनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी.
– एके त्रिपाठी, प्रभारी रेंज अधिकारी