Loading election data...

जमशेदपुर : सरयू राय ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के उपर लगाए ये आरोप

विधायक राय के अनुसार, राज्य चिकित्सा सेवा के जिन पदाधिकारी डॉ चंद्र किशोर शाही की नियुक्ति मंत्री ने अवैध तरीके से निदेशक प्रमुख पद पर की है .

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2024 5:35 AM
an image

विधायक सरयू राय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यपालिका नियमावली के प्रावधानों का उल्लंघन कर आरोपी चिकित्सा पदाधिकारी को खुद ही प्रभारी निदेशक (प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं) के पद पर पदस्थापित कर दिया है. उन्होंने इस दिशा में जरूरी कार्रवाई की मांग की है. पत्र में श्री राय ने कहा कि सरकार के प्रशासन संचालन के संदर्भ में कार्यपालिका नियमावली को सरकार का गीता, बाइबिल, कुरान कहा जाता है. कोई सपने में नहीं सोच सकता है कि राज्य सरकार का एक मंत्री इसकी अवहेलना करेगा और विभागीय सचिव इसके किसी भी प्रासंगिक प्रावधान के विरुद्ध अधिसूचना निर्गत करने पर सहमति दे देंगे. सरयू राय के अनुसार, कार्यपालिका नियमावली ने जो अधिकार राज्य के मुख्यमंत्री को दिया है उसका खुलेआम दुरुपयोग सरकार के मंत्री कर रहे हैं. यह अधिकार उन्हें कार्यपालिका नियमावली नहीं देती है.

क्या है मामला

विधायक राय के अनुसार, राज्य चिकित्सा सेवा के जिन पदाधिकारी डॉ चंद्र किशोर शाही की नियुक्ति मंत्री ने अवैध तरीके से निदेशक प्रमुख पद पर की है उन पर विभागीय जांच चल रही है. सवाल यह है कि जब नव नियुक्त निदेशक प्रमुख पर जांच चल रही है, तब उप निदेशक स्तर का एक पदाधिकारी जांच समिति के समक्ष विभागीय कार्रवाई में विभाग के आवश्यक कागजातों का उपस्थापन निष्पक्ष होकर और बगैर दबाव के कैसे कर सकते हैं. सरयू राय ने पत्र में लिखा कि गत चार वर्षों में स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सकों, सिविल सर्जनों, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य चिकित्सकों के सैकड़ों स्थानांतरण-पदस्थापन कार्यपालिका नियमावली के प्रासंगिक प्रावधानों की अवहेलना कर की है. स्वास्थ्य मंत्री द्वारा थोक के भाव में वरीय चिकित्सकों का स्थानांतरण-पदस्थापन करना, आरोपियों को प्रमुख पद पर बैठा देना बिना किसी स्वार्थ के संभव नहीं है. दवाओं की खरीद में घपले-घोटालों और स्वास्थ्य विभाग की अन्य अनियमितताओं के मद्देनजर यह धनशोधन (मनी लाउंड्रिंग) का मामला बनता है. ऐसे मामलों में सरकार के किसी मंत्री के दरवाजे पर इडी दस्तक देगा तो इसे चुनाव के समय राजनीतिक मुद्दा बनाया जायेगा, लेकिन आज नहीं तो कल ऐसा होना ही है.

Exit mobile version