बारीडीह मामले में सीजीपीसी को आम सभा बुलाने का अधिकार नहीं
जमशेदपुर.
बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एवं अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने धालभूम एसडीओ को आवेदन देकर शनिवार को प्रस्तावित आमसभा पर रोक लगाने की गुहार लगायी है. प्रधान कुलविंदर सिंह के अनुसार सीजीपीसी को बारीडीह के मामले में आम सभा बुलाने का अधिकार नहीं है. यदि आम सभा में कुछ अनिष्ट अथवा कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रधान सरदार भगवान सिंह की होगी. कुलविंदर सिंह के अनुसार वे अप्रैल 2025 तक के लिए प्रधान हैं और उनकी कमेटी को मनमाने ढंग से भंग नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही कुलविंदर सिंह ने पूछा है कि उन पर कौन से गंभीर प्रकृति के आरोप हैं, जिसकी पुष्टि होने पर कमेटी भंग की गयी है. जमशेदपुर की संगत को बताया जाना चाहिए. क्या लंगर में केवल दाल और सब्जी कम हो जाने से प्रधान को हटाया जा सकता है, जबकि कमेटी ने सारी जिम्मेदारी सरदार अवतार सिंह सोखी को दे रखी थी. इसके पक्ष में सीजीपीसी खड़ी है. जब 10 नंबर बस्ती का इलाका बारीडीह गुरुद्वारा कमेटी की हदबंदी से बाहर कर दिया गया है, तो किस अधिकार से सीजीपीसी उसे बैठक में शामिल करती रही है. यह सीजीपीसी की शह है कि पहले सरदार अवतार सिंह सोखी ने माला पहन लिया और फिर सरदार कुलदीप सिंह शेरगिल माला पहनकर प्रधान बने हुए हैं. वास्तव में आमसभा के नाम पर ड्रामेबाजी कर सरदार भगवान सिंह अपने मन पसंदीदा व्यक्ति को प्रधान बनाना चाहते हैं, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है