जमशेदपुर (विकास कुमार श्रीवास्तव) : टाटा स्टील के ग्लोबल सीइओ एवं एमडी टीवी नरेंद्रन ने शनिवार को बिष्टुपुर स्थित सर दोराबजी टाटा पार्क को नये रूप में लोगों के सामने पेश किया. पार्क के 25 वर्ष (सिल्वर जुबली) पूरे होने पर इसका रिकंस्ट्रक्शन और ब्यूटीफिकेशन किया गया है. 10 अक्तूबर, 2020 को लेडी मेहरबाई टाटा की जन्म दिवस पर शाम 5:30 बजे फीता काट कर टीवी नरेंद्रन, रुचि नरेंद्रन, वीपी सीएस चाणक्य चौधरी, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने पार्क को शहरवासियों को समर्पित किया. मौके पर टाटा स्टील के सभी वीपी, उनकी पत्नी, कॉरपोरेट कम्युनिकेशन हेड रूना राजीव कुमार, यूनियन के महामंत्री सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय मौजूद थे.
जुबली डायमंड : वर्ष 1900 में जुबली डायमंड टाटा की कहानी का हिस्सा बन गया था, जब प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गंभीर वित्तीय कठिनाइयों में जकड़े टाटा स्टील (तब टिस्को) को संकट से उबारने के लिए इस हीरे के साथ-साथ सर दोराबजी टाटा और उनकी पत्नी की पूरी निजी संपत्ति गिरवी रखनी पड़ गयी थी. प्रसिद्ध वास्तुकार नुरू करीम द्वारा डिजाइन किया गया डायमंड स्ट्रक्चर और पैवेलियन सर दोराबजी टाटा पार्क के समग्र री-डिजाइन का एक अभिन्न अंग है. यह शानदार पैवेलियन टाटा स्टील द्वारा देश के लिए समर्पित स्ट्रक्चर्स ऑफ द फ्यूचर शृंखला में एक और आयाम जोड़ता है. यह केवल जमशेदपुर शहर की सुंदरता को ही नहीं बढ़ाता, बल्कि इस शहर के साथ टाटा स्टील के बंधन को और मजबूत करता है, जहां इसकी यात्रा शुरू हुई थी.
पार्क के 25 वर्ष (सिल्वर जुबली) पूरे होने पर इसका रिकंस्ट्रक्शन और ब्यूटीफिकेशन किया गया है. टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी पार्क के उदघाटन में शामिल होने वाले थे, लेकिन नहीं आ सके. उन्होंने अपने वीडियो मैसेज के माध्यम से पार्क, दोराबजी टाटा व उनकी पत्नी मेहरबाई टाटा के बारे में बताया. उन्होंने मेहरबाई को आइडियल वीमेन बताया. उन्होंने अपने मैसेज में टाटा परिवार, खासकर दोराबजी टाटा और मेहरबाई और उनके डायमंड के इतिहास के बारे में बारीकी से जानकारी दी. अपने वीडियो संदेश में डॉ ईरानी ने कहा कि डायमंड पैवेलियन और लेडी मेहरबाई की प्रतिमा सर दोराबजी टाटा पार्क के लिए विचारशील संयोजन हैं. यह पार्क सर दोराबजी टाटा और लेडी मेहरबाई टाटा को उनके योगदान और बलिदान के लिए एक विनम्र सलाम है, जिसने टाटा समूह, टाटा स्टील और हमारे जमशेदपुर शहर की महत्वपूर्ण विरासत को निर्मित करने में मदद की.
दोराबजी टाटा पार्क महज एक घूमने और मनोरंजन का स्थान ही नहीं बल्कि यह उनकी और उनकी पत्नी लेडी मेहरबाई टाटा के समर्पण भाव का जाहिर करेगा. मेहरबाई टाटा जिसने अपनी खुशियों व सबसे प्रिय हीरा का माेह छोड़ अपने पति दोराबजी टाटा, कंपनी और उसके मजदूरों की समस्या के बारे में सोची. डायमंड को गिरवी रख कर कंपनी को आर्थिक संकट से बचाने का काम किया. यह समर्पण अतुलनीय और प्रेरणादायक है.
Also Read: IPL Satta: जमशेदपुर में आइपीएल पर सट्टा लगाने वाले 6 गिरफ्तार, सट्टेबाजी व जुआ का सरगना कन्हैया भी पुलिस के हत्थे चढ़ाटाटा स्टील के वीपी सीएस चाणक्य चौधरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि टाटा स्टील स्थापना के समय से ही समावेशी विकास के प्रति वचनबद्ध है. इस रीडेडिकेशन के माध्यम से हम टाटा स्टील और स्टील सिटी की अद्वितीय विरासत में सर दोराबजी टाटा और लेडी मेहरबाई टाटा के योगदान और बलिदान का सम्मान कर रहे हैं. स्टील के रूप में एक चमत्कार दि डायमंड पैवेलियन जमशेदपुर में आकर्षण का एक नया केंद्र होगा जो आने वाले वर्षों में उत्कृष्टता, नेतृत्व और बलिदान की कहानियों को बतायेगा.
टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने कहा स्टील प्लांट और जमशेदपुर शहर की स्थापना की दिशा में सर दोराबजी टाटा और लेडी मेहरबाई के योगदान को सम्मानित करना और इसकी खुशी मनाना अनिवार्य है. हमारे संस्थापक जमशेदजी टाटा ने भारत के लिए भविष्य की कल्पना की और उनके पुत्र ने उन सपनों को पंख देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. स्टील प्लांट के निर्माण और जमशेदपुर टाउनशिप के निर्माण से न केवल भारत को स्टील में आत्मनिर्भर बनाया गया बल्कि देश भर के कई परिवारों को रोजगार मिला और उनको घर के रूप में एक नया स्थान मिला. पिछले 100 वर्षों में टाटा स्टील ने भारत की कुछ सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं के साथ खुद को जोड़ा है जैसे कोलकाता का हावड़ा ब्रिज, बेंगलुरू का द बटरफ्लाई पार्क, बांद्रा वर्ली सी लिंक, मुंबई के ओवल मैदान में गांधीजी का चरखा और भुवनेश्वर के बीजू पटनायक पार्क में भगवान जगन्नाथ रथ.
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