15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमशेदपुर : सेंदरा वीर पहुंचे दलमा, कल चढ़ेंगे पहाड़, महिलाएं उतार देती हैं सुहाग चिह्न, जानें क्यों?

दलमा पहाड़ पर एक मई को आदिवासी समुदाय के लोग सेंदरा का पर्व मनायेंगे. सेंदरा मनाने के लिए दलमा के राजा राकेश हेंब्रम के नेतृत्व में झारखंड, बंगाल व ओडिशा से दलमा की तलहट्टी में सेंदरा वीर पहुंचने लगे हैं. दलमा राजा राकेश हेंब्रम शनिवार को दलमा की तराई स्थित गिपितिज टांडी (विश्राम स्थल) पहुंचे.

जमशेदपुर /पटमदा : दलमा पहाड़ पर एक मई को आदिवासी समुदाय के लोग सेंदरा का पर्व मनायेंगे. सेंदरा मनाने के लिए दलमा के राजा राकेश हेंब्रम के नेतृत्व में झारखंड, बंगाल व ओडिशा से दलमा की तलहट्टी में सेंदरा वीर पहुंचने लगे हैं. दलमा राजा राकेश हेंब्रम शनिवार की शाम को दलमा की तराई स्थित गिपितिज टांडी (विश्राम स्थल) पहुंचे. वहां लोगों ने दलमा राजा के सामने दीप जलाकर शिकार पर्व की अनुमति देने का आह्वान किया. रविवार को सुबह और शाम के वक्त पूजा अर्चना की जायेगी, देर रात लोग दलमा पहाड़ पर शिकार के लिए चढ़ाई करेंगे. सोमवार को दोपहर तक जंगली जानवरों का शिकार करेंगे, जिसके बाद वे नीचे गिपितिज टांडी में आराम करेंगे.

सिंगराई नाच के साथ-साथ समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था द्वारा लो वीर विचार अखाड़ा आयोजन किया गया है, जहां पर सिंगराई नाच के साथ-साथ समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जायेगी. इस दौरान सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी तो सभी लोग वहां बैठेंगे, अन्यथा राजा की आज्ञा लेकर सभी अपने-अपने घरों की ओर रवाना होंगे. सेंदरा वीरों को शनिवार को उनकी पत्नियों ने टीका लगाकर पूजा अर्चना कर विदा किया. सेंदरा वीर जब सोमवार को लौटेंगे तो फिर उनकी आरती होगी, वे अपनी पत्नी की मांग में सिंदूर लगायेंगे, लाल चुड़ियां पहनायेंगे. इधर, वन विभाग ने दलमा की ओर आने वाले मार्गों पर कई जगह चेकनाका बनाया गया है. सभी चेक नाका में दलमा बुरु सेंदरा कमेटी एवं पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के प्रतिनिधि भी सामाजिक मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात रहेंगे, ताकि किसी भी सेदरा वीरों को असुविधा नहीं हो.

Also Read: JAC Board Result 2023: कॉपी देख परीक्षक हैरान, किसी ने लिखा, गोरी तोरी चुनरी… तो किसी ने कर दिया ये कांड

प्रशासन से मांग, सेंदरा को लेकर हमें न किया जाये परेशान : दलमा राजा

गदड़ा स्थित घर में शनिवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम ने पूजा-अर्चना की. इसके बाद उनकी पत्नी ने राकेश हेंब्रम का पैर धोकर व पुत्री ने उन्हें धनुष देकर दलमा के लिए रवाना किया. शाम को दलमा राजा ने दलमा पहाड़ की तराई फदलोगोड़ा के समीप पूजा कर वन देवी-देवताओं को सेंदरा के लिए आह्वान किया और दलमा की ओर निकल गये. दो साल से कोरोना की वजह से दिशुआ सेंदरा नहीं हो पा रहा था. दलमा राजा ने झारखंड, असम, घाटशिला, बहरागोड़ा, पटमदा, बंगाल, ओडिशा समेत अन्य प्रदेशों के दिशुआ शिकारियों को खजुर पत्ते से बना निमंत्रण पत्र भेजा है.

महिलाएं उतार देती हैं सुहाग चिन्ह

सेंदरा के लिए पति को विदा करने के दौरान महिलाएं अपने सुहाग चिन्ह लोहे की चूड़ी आदि उतार देती है.

गिरा सकम से मिलता है न्योता

दलमा में शिकार खेलने जाने वाले जनजातीय समुदायों को गिरा सकम के माध्यम से न्योता मिलता है.

शिकारी कुत्तों को मिलता है हिस्सा

सहरेक को शिकार बराबर हिस्सा मिलता है.टीम के साथ शामिल शिकारी कुत्तों को भी बराबर हिस्सा दिया जाता है

बीमार जानवरों का नहीं होता शिकार

शिकार को खदेड़ कर ही मारा जाता है. गर्भवती एवं बीमार जानवरों का शिकार नहीं किया जाता है

शिकार के सिर पर होता है समिति का दावा

समिति आयोजक होने की वजह से दलमा में होने वाले शिकार के सिर को अपने हिस्से के रूप में रखती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें