वंशानुगत नियुक्त माझी-परगना का सेंगेल अभियान ने किया विरोध
आदिवासी सेंगेल अभियान ने आदिवासी गांव-समाज में संविधान, कानून व जनतंत्र को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.
डीसी कार्यालय के समक्ष किया धरना-प्रदर्शन
वंशानुगत नियुक्त माझी परगना नहीं मानते संविधान व जनतंत्र : विमो मुर्मू
जमशेदपुर:
आदिवासी सेंगेल अभियान ने आदिवासी गांव-समाज में संविधान, कानून व जनतंत्र को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. धरना-प्रदर्शन में बैठे आदिवासी सेंगेल अभियान के केंद्रीय संयोजक विमो मुर्मू ने कहा कि आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के नाम पर चालू वंशानुगत नियुक्त माझी-परगना आदि संविधान व जनतंत्र को नहीं मानते हैं. वे तानाशाही तरीके से व्यवस्था को चलाते हैं. गांव को विकास की पथ पर आगे ले जाने की बजाय विनाश की गर्त पर ढकेल रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार को नियम व प्रावधान के तहत उनपर लगाम कसना जरूरी है. श्री मुर्मू ने कहा कि पिछले दिनों बिना सोचे समझे करनडीह की उपमुखिया मोनिका हेंब्रम को दंडित कर दिया गया था. हालांकि बाद में पुनर्विचार कर उसे दोष मुक्त कर दिया. आदिवासी सेंगेल अभियान आदिवासी समाज को समृद्ध व विकसित बनाने का पक्षधर है. धरना-प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया. धरना-प्रदर्शन में कोल्हान जोन सेंगेल परगना के पदाधिकारी समेत अन्य मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है