सीनियर नेशनल बॉक्सिंग : झारखंड के लिए पदक पक्का करने वाली नेहा तंतुबाई को कितना जानते हैं आप
नेहा तीसरी कक्षा से मुक्केबाजी का अभ्यास कर रही हैं. अब नेहा बारीडीह बस्ती स्थित सिटी पब्लिक स्कूल से दसवीं कर चुकी हैं. पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहने वाली नेहा 2014-15 में जमशेदपुर में आयोजित राज्य स्तरीय मुक्केबाजी की सब जूनियर वर्ग का स्वर्ण अपने नाम किया था.
Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (निसार) : सीनियर नेशनल बॉक्सिंग में झारखंड के लिए पदक पक्का करने वाली नेहा तंतुबाई के पिता कपड़ा दुकान में काम करते हैं, जबकि मां सफाई कर्मी हैं. झारखंड के जमशेदपुर की नेहा तंतुबाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए हरियाणा के हिसार में चल रही पांचवीं एलीट नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप (सीनियर नेशनल) में झारखंड के लिए पदक पक्का कर लिया. 48-50 फ्लाइ वेट में नेहा तंतुबाई ने यह सफलता हासिल की है. सोमवार को खेले गये क्वार्टर फाइनल में नेहा तंतुबाई ने आंध्रप्रदेश के बॉक्सर को तीन राउंड में परास्त करते हुए 5-0 अंक अर्जित किया.
अब नेहा तंतुबाई का सेमीफाइनल में मुकाबला पंजाब की बॉक्सर से होगा. पहली बार झारखंड सीनियर टीम के कोच बनाये गये विवेक दास की देखरेख में झारखंड ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उल्लेखनीय है कि नेहा के अलावा चार और बॉक्सर प्री-क्वार्टर तक पहुंचने में कामयाब रही थीं, लेकिन प्री-क्वार्टर में झारखंड की चार बॉक्सर खुशूबू, पूजा बेहरा, निशा और शिवानी हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गयी हैं.
सीनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में धमाल मचाने वाली रिंग की रानी नेहा तंतुबाई ने सात साल की उम्र में ही मुक्केबाजी को अपना हमसफर बना लिया था. बिरसानगर जोन नबंर दस की रहने वाली नेहा के पिता धीरेन तंतुबाई बारीडीह की कपड़ा दुकान में काम करते हैं, वहीं मां प्रमिला तंतुबाई मर्सी अस्पताल में स्वीपर हैं. तीन बहनों में नेहा दूसरे नंबर पर हैं. इन्हें शुरू से ही खेल से लगाव था. इसी लगाव को देखते हुए मामा ने उन्हें बिरसा बॉक्सिंग सेंटर भेजना शुरू किया. कोच ई लकड़ा, बेनसन स्मिथ ने छोटी सी नन्ही परी में वह प्रतिभा देखी, जो किसी के पास नहीं थी.
नेहा तीसरी कक्षा से मुक्केबाजी का अभ्यास कर रही हैं. अब नेहा बारीडीह बस्ती स्थित सिटी पब्लिक स्कूल से दसवीं कर चुकी हैं. पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहने वाली नेहा 2014-15 में जमशेदपुर में आयोजित राज्य स्तरीय मुक्केबाजी की सब जूनियर वर्ग का स्वर्ण अपने नाम किया था. 2017 में रोहतक में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में उसने रजत पर पंच जड़ा था. नेहा की मेहनत का अंदाज एक वाकया से लगाया जा सकता है कि खेलो इंडिया खेलो में जाने के लिए नेहा ने सात किलो वजन घटाया था. इसके लिए सुबह पांच बजे ही वह ग्राउंड पर पहुंच जाती थी. यह आसान नहीं है, लेकिन खेल के प्रति नेहा का समर्पण काबिलेतारीफ है.
Posted By : Guru Swarup Mishra