जमशेदपुर में वरीय शिक्षकों को मिल रहा है कनीय से कम वेतन, आंदोलन की दी चेतावनी

पूर्वीं सिंहभूम के जिला शिक्षक शिक्षा अधीक्षक ने इस मामले में मार्च तक विभाग के मार्गदर्शन पर वेतन निर्धारण करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है

By Prabhat Khabar News Desk | March 19, 2023 6:00 AM

जिले में वर्ष 1994 में बहाल हुए शिक्षकों का वेतन उनके जूनियर शिक्षकों से कम है. उक्त सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण 31 मार्च तक नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. शनिवार को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में शिक्षक शिकायत निवारण सुनवाई दिवस का आयोजन हुआ. इसमें बताया गया कि 21 जनवरी को भी इस मुद्दे पर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा मांग की गयी थी.

जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस मामले में मार्च तक विभाग के मार्गदर्शन पर वेतन निर्धारण करने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है. इसे लेकर संघ ने 31 मार्च के बाद आंदोलन करने की चेतावनी दी है. इसके साथ बताया गया कि जिला शिक्षा अधीक्षक की ओर से जारी अवकाश तालिका में सरहुल पर्व के लिए 23 अप्रैल को छुट्टी निर्धारित थी परंतु कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड ने इसे 24 मार्च कर दिया.

इस जिला शिक्षा विभाग ने लागू नहीं किया. उक्त अवकाश को 24 मार्च 2023 को घोषित करने की भी मांग की गयी. इस दौरान वर्ष 2006 में नियुक्त कुछ शिक्षकों का 12 वर्ष के बाद ग्रेड 1 से ग्रेड 2 में वेतन निर्धारण का मामला लंबित होने की भी शिकायत की गयी, इस प्रकार के शिक्षकों का वेतन निर्धारण जल्द से जल्द करने की मांग की गयी है.

बताया कि मध्य विद्यालय खेरुआ, पटमदा एवं मध्य विद्यालय हुरलुंग, जमशेदपुर में छात्रों की संख्या अधिक है जबकि वहां दो शिक्षक ही पदस्थापित हैं. छात्र संख्या की अधिकता को देखते हुए उक्त स्कूलों में शिक्षकों का प्रतिनियोजन करने की मांग की गयी. संघ के प्रतिनिधिमंडल में अरुण कुमार सिंह, राजेंद्र कर्ण, रमाकांत शुक्ला, ज्ञानरंजन, बबन ओझा, अनिल बिहारी ,बबन सिंह ,सुधीर चंद्र मुर्मू ,चंद्र बदन सिंह ,बृजेश कुमार, विनोद कुमार राणा, शत्रुघ्न सिंह समेत कई अन्य शिक्षक शिक्षक प्रतिनिधि शामिल थे.

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