कर्मों से होता है सुख-दुख का निर्धारण : शंकराचार्य

shankracharya in kawariyadham mandir sidgoda, 50 devotees took initiation

By Prabhat Khabar News Desk | March 28, 2024 10:23 PM

श्री श्री कांवरिया धाम मंदिर परिसर सिदगोड़ा में गुरुवार को द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिया. उन्होंने मानव शरीर की प्राप्ति के बारे में बताया. कहा कि स्वर्ग लोक में जब पुण्य संचय समाप्त हो जाता है तो प्राणि को मृत्यु लोक में जाने को कहा जाता है. उन्होंने कहा कि हमारा शरीर पांच तत्व क्षिति, जल, पावक, गगन, समीर से बना है. जीवन में सुख-दुख का निर्धारण कर्मों से होता है. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने शंकराचार्य महाराज का माला पहनाकर स्वागत किया. महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने सपरिवार पादुका पूजन किया.

50 भक्तों ने ली दीक्षा

इससे पहले श्री गुरुदेव सेवा समिति की ओर से श्री राजस्थान शिव मंदिर जुगसलाई में दीक्षा कार्यक्रम संपन्न हुआ. द्वारकाशारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने 50 भक्तों को दीक्षा दी. शुभम खिरवाल ने चरणपादुका पूजा की. मजदूर नेता राकेश्वर पांडे, साकची निवासी अशोक चौधरी ने स्वामी जी से आशीर्वाद लिया. मौके पर श्री गुरु सेवा समिति के मुख्य संरक्षक उमेश प्रसाद खिरवाल टप्पू, विकास अग्रवाल, आकाश अग्रवाल, हेमंत, महेश, लक्ष्य खिरवाल, सुभाष शर्मा, श्रवण अग्रवाल व अन्य मौजूद रहे.

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विशेष बातचीत में शंकराचार्य ने कहा कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के संबंध में सारे शास्त्रीय प्रमाण हैं. मंदिर की बुनियाद, शिल्प, दरवाजे सभी हिंदू धर्म से मेल खाते हैं. इसके आधार पर वह हिंदुओं को मिलना चाहिए. उन्होंने ज्ञानवापी पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने गाय को राष्ट्र माता घोषित करने की बात की. ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वानंद द्वारा गाय को राष्ट्र माता घोषित करने को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया. कहा कि इसके लिए चारों पीठों के शंकराचार्य एकमत हैं.

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