Shashi Prabha Funeral: गाजे-बाजे के साथ निकली जैन साध्वी की अंतिम यात्रा, शामिल हुए 5000 से अधिक लोग
Shashi Prabha Funeral: पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में सड़क हादसे में जान गंवाने वाली जैन साध्वी शशिप्रभा की गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकली.
Shashi Prabha Funeral: जैन समुदाय की प्रमुख प्रवर्तनीय साध्वी शशिप्रभा (80) का गुरुवार (27 जून) को खड़गपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. खड़गपुर के चौरंगी स्थित वीटीआर में जैन समुदाय परिवार के सदस्य महेंद्र गांधी ने अपने एक प्लॉट साध्वी शशिप्रभा के नाम दान कर दिया.
खड़गपुर में जैन साध्वी शशिप्रभा का स्मारक बनेगा
उसी स्थान पर उनकी चिता सजायी गयी. निकट भविष्य में वहां साध्वी शशिप्रभा के नाम का स्मारक बनेगा, जहां तीर्थ यात्रियों के ठहरने का स्थल भी होगा. स्मारक का निर्माण महेंद्र गांधी करायेंगे. बुधवार (26 जून) को पश्चिम बंगाल के पांशकुड़ा थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में जैन साध्वी शशिप्रभा की मौत हो गयी थी.
- जिस कार चालक ने ली साध्वी की जान, जैन समाज ने उसे किया माफ
- साध्वी शशिप्रभा का खड़गपुर में अंतिम संस्कार, बुधवार को सड़क हादसे में हुई थी मौत
- अंतिम संस्कार में देश भर से पांच हजार से अधिक लोग हुए शामिल
- अंतिम संस्कार के लिए जैन समुदाय के सदस्य ने दान में दी जमीन, बनेगा स्मारक
हाईवे पर जैन साध्वी को कार ने मार दी थी ठोकर
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले के मुख्य बाइपास के पास बुधवार को सुबह करीब 5 बजे सड़क हादसे में जैन साध्वी शशिप्रभा की मौत हो गयी थी. हादसे में उनकी दो शिष्या गंभीर रूप से घायल हो गईं. दोनों का कोलकाता में इलाज चल रहा है. अंतिम यात्रा में देश भर के विभिन्न प्रांतों से करीब 5 हजार लोग शामिल हुए. सुबह साढ़े नौ बजे गाजे-बाजे के साथ अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाया.
कार चालक को जैन समाज के लोगों ने कर दिया माफ
जुगसलाई जैन समाज के हेमेंद्र जैन हन्नू ने बताया कि चालक को गिरफ्तार कर पुलिस ने कार जब्त कर लिया है. घटना को लेकर समाज के प्रमुखजनों की बैठक में तय हुआ कि घटना को अंजाम देनेवाले कार चालक को माफ कर दिया जाये. समाज के प्रमुखजनों ने कहा कि जो जिंदगी चली गयी, वह वापस नहीं आनी है. जो होना था, वह हो गया.
चतुर्मास में शामिल होने जमशेदपुर आयीं थीं साध्वी शशिप्रभा
साध्वी शशिप्रभा वर्ष 1993, वर्ष 2000 और वर्ष 2008 में चातुर्मास में शामिल होने के लिए जमशेदपुर आयीं थीं. वर्ष 2024 में जुगसलाई जैन भवन में आयोजित चातुर्मास में चौथी बार शामिल होने आने वालीं थीं. वह पैदल यात्रा करते हुए कोलकाता से जमशेदपुर आ रहीं थीं.
चातुर्मास में शामिल होने जमशेदपुर आ रहीं थीं शशिप्रभा
जैन समुदाय के प्रमुखजनों का जमशेदपुर-झारखंड का दौरा कम होता है, लेकिन साध्वी शशिप्रभा कई बार लौहनगरी आयीं हैं. उन्हें यहां के लोगों से खासा लगाव था. जुगसलाई जैन भवन में 15 जुलाई से चातुर्मास प्रस्तावित था. राजस्थान के जोधपुर जिला के फलौदी गांव में जन्मीं साध्वी शशिप्रभा ने 66 साल पूर्व दीक्षा ली थी, इसके बाद उन्होंने घर छोड़कर साध्वी का जीवन अपना लिया था.
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