Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर स्थित टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाईस्कूल, कदमा की विज्ञान शिक्षिका (Science Teacher) शिप्रा मिश्रा का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (National Teacher Award) के लिए किया गया है. झारखंड से एकमात्र शिप्रा के नाम पर ही भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने अंतिम मुहर लगायी. हालांकि राज्य से कुल तीन शिक्षकों के नाम इस पुरस्कार के लिए भेजे गये थे.
पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के चयनित देश के विभिन्न राज्यों के शिक्षकों के नाम की अंतिम सूची जारी की. चयनित शिक्षक-शिक्षिकाअों को दिल्ली में पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जायेगा. शिप्रा मूल रूप से बिहार के पूर्णिया जिले में है. वे 2010 बैच की शिक्षिका है.
इनोवेटिव टीचिंग के लिए मिला पुरस्कार
टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाई स्कूल की साइंस की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा ने स्कूल को राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने में शिक्षिका का अहम योगदान है. वे स्कूल में छात्रों को विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने में लगातार अपने स्तर से कार्य करती रही हैं. शिप्रा की छात्रा नेहा सरदार का स्मार्ट विलेज का मॉडल विज्ञान प्रदर्शनी में राज्य स्तर पर पुरस्कार जीता था. हाल ही में ISM, धनबाद में आयोजित प्रतियोगिता में सरकारी स्कूलों की श्रेणी में टाटा वर्कर्स यूनियन हाइ स्कूल के छात्रों द्वारा बनाये गये ऑटोमेटिक क्लीन टॉयलेट (Automatic Clean Toilet) के प्रोजेक्ट को ओवरऑल श्रेणी का पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था.
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नाम : शिप्रा मिश्रा
प्राथमिक शिक्षा : कक्षा एक से छह तक सिवान के प्राथमिक विद्यालय से
दसवीं तक शिक्षा : नवोदय विद्यालय कटिहार से
स्नातक : रांची वीमेंस कालेज (केमेस्ट्री ऑनर्स)
एमएससी : रांची यूनिवर्सिटी
बीएड : रांची वीमेंस कॉलेज
बेल्डीह चर्च स्कूल से की शैक्षणिक कैरियर की शुरुआत
शिप्रा मिश्रा ने जमशेदपुर के बेल्डीह चर्च स्कूल से अपना शैक्षणिक कैरियर शुरू किया. उसने विज्ञान शिक्षिका के रूप में वर्ष 2009 में योगदान दिया. इसके छह माह बाद ही जेपीएससी द्वारा शिक्षक नियुक्त का रिजल्ट आ गया. इसमें वे सफल हुई. इसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग वर्ष 2010 में जमशेदपुर हाईस्कूल बिष्टुपुर में विज्ञान शिक्षिका के रूप में किया. उसके बाद वर्ष 2016 में उनका ट्रांसफर टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय, कदमा में किया गया. यहां ड्रॉप आउट बच्चों को जहां स्कूल तक लाया, वहीं स्कूल में आने के बाद उन्हें रोचक अंदाज में विज्ञान की बारीकियों को सिखाया.
शिप्रा मिश्रा को अब तक मिले अवार्ड
– रोटरी क्लब की ओर से वर्ष 2017 में सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
– इनर व्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान
– वर्ष 2019 में राज्य स्तर का शिक्षक पुरस्कार
– 2020 में एनएमएल द्वारा बेस्ट साइंस टीचर्स अवार्ड
राष्ट्रपति पुरस्कार की घोषणा हुई, लेकिन पिता की तबीयत हुई खराब
शिप्रा मिश्रा ने प्रभात खबर से बात करते हुए कहा कि इस दिन का वे करीब एक दशक से इंतजार कर रही थी. लेकिन, जब यह खबर सुनी, तो उसके बावजूद खुशियां नहीं मना पायी. कारण था कि अचानक पिताजी की तबीयत खराब हो गयी. वे आइसीयू में भर्ती हैं. भावुक शिप्रा मिश्रा ने कहा कि ईश्वर शायद इम्तिहान ले रहे हैं. वह कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि उनके पिता जल्द ठीक होंगे अौर सभी मिल कर राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने की खुशियां बांटेंगे.
रिपोर्ट : संदीप स्वर्ण, जमशेदपुर.