अंतिम बार 2015 में शहर आये थे सीताराम येचुरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के महासचिव सह पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी अंतिम बार 31 अगस्त 2015 को जमशेदपुर आये थे.

By Prabhat Khabar News Desk | September 12, 2024 10:09 PM

वरीय संवाददाता, जमशेदपुर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) के महासचिव सह पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी अंतिम बार 31 अगस्त 2015 को जमशेदपुर आये थे. बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में कॉमरेड हरकिशन सिंह सुरजीत की याद में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह और झारखंड बंगभाषी समन्वय समिति के कार्यक्रम में शामिल होने वह शहर आये थे. इस दौरान उन्होंने कहा था सांप्रदायिकता देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है. सांप्रदायिक तत्वों को सत्ता से दूर रखना जरूरी है. सांप्रदायिकता रोकने के लिए नये सिरे से आंदोलन की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो देश की संसदीय व्यवस्था पर भी खतरा उत्पन्न हो जायेगा. उनका कहना था कि झारखंड में नक्सलवाद का हल बंदूक से नहीं, बातचीत से संभव है. येचुरी ने किया था टीडब्ल्यूयू का भ्रमण सीताराम येचुरी ने इस दौरान टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय का भ्रमण किया था. वीजी गोपाल सेंटर का अवलोकन कर उसके इतिहास को भी जाना था. टाटा वर्कर्स यूनियन की तारीफ करते हुए कहा था कि ऐसी ही लोकतांत्रिक यूनियन होनी चाहिए. झारखंड गठन से पूर्व 10 नवंबर 2000 को येचुरी की देखरेख में ही पार्टी की झारखंड राज्य कमेटी का गठन हुआ था. वे झारखंड बनने के बाद पोलित ब्यूरो की ओर से कई सालों तक झारखंड के प्रभारी भी रहे. एक सप्ताह तक झुका रहेगा पार्टी का झंडा राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने बताया कि सीताराम येचुरी के निधन पर उनके सम्मान में झारखंड में सीपीएम के सभी पार्टी कार्यालयों में अगले एक सप्ताह तक पार्टी का झंडा झुका रहेगा. उनके निधन पर झारखंड में पार्टी की सभी इकाइयों द्वारा शोक सभा, जुलूस इत्यादि कार्यक्रम कल से शुरू हो जायेगा. 15 सितंबर को रांची में उनकी स्मृति में एक विशाल हाल मीटिंग रखी गयी है. उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए झारखंड से पार्टी के केंद्रीय कमेटी सदस्य प्रकाश विप्लव सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली रवाना हुए. ———– सीताराम येचुरी के निधन से सेकुलर ताकत को भारी क्षति हुई है. जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती है. इंडिया गठबंधन को बनाने में उनकी अहम भूमिका थी. जेपी सिंह, जिला सचिव ———- सीताराम येचुरी के निधन से वाम दलों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. हम उन्हें अपनी पार्टी की ओर से अंतिम लाल सलाम पेश करते हैं. देश के कम्युनिस्ट एवं वाम आंदोलन को भारी क्षति हुई है. – अंबुज कुमार ठाकुर, जिला सचिव ——-

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