चार दिन में 1800 किमी का सफर तय कर मुंबई से जमशेदपुर स्कूटी से पहुंचीं साेनिया
Jharkhand news, Jamshedpur news : मुंबई से जमशेदपुर तक 1800 किलाेमीटर का सफर अपनी एक सहेली के साथ खुद स्कूटी चलाकर साेनिया ने पूरा किया. शुक्रवार की शाम वह जमशेदपुर पहुंची. मुंबई में नाैकरी करनेवाली साेनिया लॉकडाउन में बेरोजगार हो गयी थीं. किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने घर से निकाल दिया. काफी दिन अपनी महिला साथी के घर पर रहीं. इस दाैरान जमशेदपुर आने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड सरकार से मदद मांगी. साेशल मीडिया, ट्विटर समेत अन्य कई माध्यमों से उनसे मदद की अपील की. लेकिन, जब काेई जवाब नहीं मिला, ताे हार कर अपनी एक सहेली के साथ स्कूटी चला कर 4 दिनाें तक बिना साेये जमशेदपुर पहुंच गयी.
Jharkhand news, Jamshedpur news : जमशेदपुर : मुंबई से जमशेदपुर तक 1800 किलाेमीटर का सफर अपनी एक सहेली के साथ खुद स्कूटी चलाकर साेनिया ने पूरा किया. शुक्रवार की शाम वह जमशेदपुर पहुंची. मुंबई में नाैकरी करनेवाली साेनिया लॉकडाउन में बेरोजगार हो गयी थीं. किराया नहीं देने पर मकान मालिक ने घर से निकाल दिया. काफी दिन अपनी महिला साथी के घर पर रहीं. इस दाैरान जमशेदपुर आने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड सरकार से मदद मांगी. साेशल मीडिया, ट्विटर समेत अन्य कई माध्यमों से उनसे मदद की अपील की. लेकिन, जब काेई जवाब नहीं मिला, ताे हार कर अपनी एक सहेली के साथ स्कूटी चला कर 4 दिनाें तक बिना साेये जमशेदपुर पहुंच गयी.
कोरोना टेस्ट के बाद जा सकेंगी घर
जमशेदपुर पहुंचने पर साेनिया और उनकी सहेली काे टेल्काे स्थित काेरेंटिन सेंटर में रखा गया है. लगातार 4 दिन सफर करने, गाड़ी चलाने के कारण शरीर में काफी थकान आैर गले में खरास-सर्दी के लक्षण दिखे हैं. उनका काेराेना टेस्ट हाेगा. रिपाेर्ट आने के बाद वह घर लाैटेंगी. सोनिया ने बताया कि वह साेनारी की रहनेवाली हैं. उसके पति मेडिकल लाइन में हैं. लॉकडाउन में नौकरी जाने के बाद पास में न पैसे बचे थे और न ही कहीं से पैसे मिलने की कोई उम्मीद.
लॉकडाउन में मिली छूट के दौरान बहुत सारे प्रवासी मजदूर एवं अन्य लोग घर वापस लौटे. लेकिन, उन्हें कई प्रयासाें के बाद भी सरकार से कोई मदद नहीं मिली. साेनिया के पति लगातार जिला प्रशासन के संपर्क में रहे, तब जाकर उन्हें आने की अनुमति मिली. पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने सोनिया और जमशेदपुर निवासी उनके पति के आवेदन पर पहल कर उन्हें वापस लौटने की अनुमति प्रदान की. साेनिया का 5 साल का बेटा भी है.
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पास में थे केवल 5 हजार रुपये
साेनिया ने बताया कि वह 20 जुलाई की शाम काे मुंबई से निकली. उसके पास पेट्राेल भराने के लिए 5 हजार रुपये और खाने के लिए मात्र 1 हजार रुपये थे. रास्ते में वे कुछ देर के लिए पेट्राेल पंप पर रुकती थीं या फिर किसी ढाबा में खाना खाकर कुछ देर आराम करती थीं. 4 दिनाें तक रात में वे बिल्कुल नहीं साेयीं. रायगढ़ में शाम हो जाने पर उन्हें आगे सफर करने से रोक दिया गया था.
साेनिया ने कहा कि वहां काफी लाेगाें ने राेकने का प्रयास किया, लेकिन बेटे और पति से मिलने की इच्छा ने उसे हिम्मत दी. मुंबई में ही रहनेवाले लोगों से थोड़ा-थोड़ा करके 5 हजार रुपये इकट्ठा किये. लोगों ने उन्हें समझाने की हर कोशिश की, लेकिन सोनिया की जिद थी कि बेटे से मिलना है. सोनिया ने बताया कि वह साेच कर निकली थीं कि स्कूटी से देर-सबेर जमशेदपुर अपने बेटे के पास पहुंच ही जायेंगी.
Posted By : Samir ranjan.