14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जमशेदपुर के सौम्य दीप ने ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने की तकनीक का किया आविष्कार, इस नियम को किया गलत साबित

जमशेदपुर के सौम्य दीप ने ऊर्जा भंडारण क्षमता बढ़ाने की तकनीक का आविष्कार किया है. उन्होंने फिजिक्स के थर्मो डायनामिक्स के दूसरे नियम को गलत साबित कर दिया है. इस तकनीक का कोलकाता के बौद्धिक संपदा भवन में 19 जून 2024 को पेटेंट किया गया.

जमशेदपुर, संदीप सावर्ण: जमशेदपुर के राजेंद्र विद्यालय के पूर्व छात्र सौम्य दीप ने फिजिक्स (भौतिकी) के थर्मो डायनामिक्स के दूसरे नियम को गलत साबित किया है. उन्होंने फ्लायव्हील ऊर्जा भंडारण प्रणाली (एफइएसएस ) की दक्षता और ऊर्जा भंडारण क्षमता को बढ़ाने की एक नयी तकनीक विकसित की है. इस तकनीक का पेटेंट कोलकाता में बौद्धिक संपदा भवन में 19 जून 2024 को किया गया. जबकि पांच जुलाई 2024 को राष्ट्रीय आधिकारिक पेटेंट कार्यालय पत्रिका में उक्त पेटेंट को प्रकाशित किया गया है. इसका शीर्षक ‘ओवर यूनिटी एफिशिएंसी फ्लायव्हील बनाने की प्रक्रिया’ है.

सौम्य दीप ने इस तकनीक का किया आविष्कार

सौम्य दीप ने बताया कि उन्होंने जिस तकनीक का आविष्कार किया है, वह फ्लायव्हील की ऊर्जा भंडारण क्षमता और आउटपुट दक्षता को बहुत अधिक बढ़ा सकती है. उन्होंने गणितीय रूप से सिद्ध किया है कि उनकी तकनीक से फ्लायव्हील ‘ओवर यूनिटी एफिशिएंसी’ प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें आउटपुट ऊर्जा इनपुट ऊर्जा से अधिक होती है, जबकि सामान्य तौर पर यह फिजिक्स के थर्मो डायनामिक्स के दूसरे नियम का एक प्रकार से उल्लंघन है. सौम्य दीप ने इस सिद्धांत को गणितीय रूप से सिद्ध किया है. थर्मो डायनामिक्स का दूसरा नियम कहता है कि ऊष्मा परिवर्तन स्वतः होता है, लेकिन ऊष्मा केवल उच्च तापमान से निम्न तापमान की ओर प्रवाहित होती है. साथ ही, ऊर्जा में जितना इनपुट डाला जाता है, उससे कम ही आउटपुट हमेशा निकल कर आता है. लेकिन, सौम्य दीप की तकनीक के इस्तेमाल से अगर एक किलोवाट ऊर्जा इनपुट के तौर पर निवेश किया गया है, तो उसका आउटपुट करीब 1.5 किलोवाट ऊर्जा के रूप में निकल कर सामने आयेगा. सौम्य ने कहा कि इससे देश में ऊर्जा की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है.

मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने की थी सराहना

सौम्य दीप ने वर्ष 2007 में राजेंद्र विद्यालय से 12वीं की है. इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु के दयानंद सागर कॉलेज से बीटेक और जर्मनी के आकेन यूनिवर्सिटी से रिन्यूबल एनर्जी से एमएस किया है. फिलहाल वे मानगो स्थित विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में प्रशासक हैं. साथ ही लगातार रिसर्च कर रहे हैं. अब तक उन्होंने पांच रिसर्च का पेटेंट करवाया है. सौम्य दीप जब नौवीं क्लास में थे, उस वक्त पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से उन्हें ‘मौसम नियंत्रण प्रणाली’ से संबंधित एक पेपर प्रेजेंट करने को लेकर सराहना मिल चुकी है.

क्या है फ्लायव्हील ऊर्जा भंडारण टेक्नोलॉजी

फ्लायव्हील ऊर्जा भंडारण प्रणाली यांत्रिक बैटरी होती है, जो घूर्णनात्मक गतिज ऊर्जा के रूप में ऊर्जा को संग्रहित करती है. ये प्रणाली नवीकरणीय ऊर्जा के पूर्ण लाभों को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण समाधान के रूप में मानी जाती है. यह नवीकरणीय स्रोतों से ऊर्जा संग्रहित करती हैं और आवश्यकता पड़ने पर ऊर्जा की आपूर्ति करती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें